Friday, April 26, 2024
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रेलवे ने की कोरबा की फिर उपेक्षा: हसदेव एक्सप्रेस हुई फिर बंद; कम यात्रियों का बनाया बहाना…

  • पहले ही बस की सुविधा बंद है, सड़क से आवागमन करना आसान नहीं रह गया है, अब अनलाॅक में बढ़ेगी दिक्कत
  • त्याेहार शुरू होने वाले हैं, व्यावसायिक जरूरतें बढ़ जाएंगी
  • ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों को लौटने की नहीं मिलेगी सुविधा

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने यात्री सुविधा के नाम पर कोरबा जिले के यात्रियों की उपेक्षा करने में कभी पीछे नहीं रहा है। इसका उदाहरण त्याेहारी सीजन शुरू होने के पहले यात्री ट्रेन की जरूरत को नाकाफी समझते हुए बंद करना है। बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद कोरबा-रायपुर-कोरबा हसदेव एक्सप्रेस के साथ दुर्ग-अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस 5 सितंबर को चलाने का निर्णय लिया गया। लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने हसदेव एक्सप्रेस को बंद कर दिया और दुर्ग-अंबिकापुर को एक्सटेंशन कर एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया। जिससे वहां के लोगों को राजधानी के साथ दुर्ग तक की सुविधा मिल रही है। लेकिन हमारी सुविधा छिन गई वो भी ऐन त्याेहारी सीजन में। जिले के लोगों को एक दिन में अप डाउन करने के लिए हसदेव एक्सप्रेस बेहतर विकल्प था। क्योंकि अभी जो एक मात्र लिंक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है वह यहां से शाम को 4.10 बजे रवाना होती है और अगले दिन सुबह यहां 11 बजे पहुंचती है। अगर बिलासपुर, भाटापारा, तिल्दा अथवा रायपुर जाना हो और वहां से वापस लौटना हो तो यहां के यात्रियों को एक दिन इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन रात के समय कोई काम नहीं होने से उन्हें एक के बजाय दो दिन लगेंगे। क्योंकि राजधानी रायपुर यह ट्रेन रात में 8 बजे पहुंचती है, दूसरे दिन सुबह 7.30 बजे वहां से कोरबा के लिए रवाना होती है। इस बीच किसी का कोई काम नहीं होगा। व्यापारिक लेनदेन के नाम से सफर करने वालों को दो दिन इंतजार करना पड़ेगा। शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ट्रेन नहीं चलने से जिले के बाहर प्रदेश के अन्य शहरों में पढ़ने वाले युवा भी सफर से वंचित हो रहे हैं। रेल प्रशासन यह सब जानते हुए भी यहां के यात्रियों को मिलनी सुविधा से वंचित कर हमारी हसदेव एक्सप्रेस को एक्सटेंशन नहीं किया।

सड़कें चलने लायक नहीं बसें भी नहीं चल रहीं
जिले की सड़कों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। सड़क मार्ग से सफर करना यानी मुसीबत मोल लेना है। बड़-बड़े गड्‌ढों में तब्दील हो गई हैं सड़कें। ऊपर से प्रशासनिक अनुमित के बाद भी निजी बस ऑपरेटर बसों को नहीं चला रहे हैं। ऐसे में जिले के लोगों के साथ बाहर से यहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कत हाेगी।

सुविधा छीनकर गलत सोच बता रहे अफसर: अग्रवाल
जिला चेंबर आफ कामर्स के उपाध्यक्ष व रेल मामलों के जानकार रामकिशन अग्रवाल ने कहा कि रेलवे की नीति शुरू से ही कोरबा के लिए अलग रही है। संक्रमण के समय भी उन्हें राजस्व चाहिए। जो लोग सफर करना चाहते हैं उनकी सुविधा छीनकर अफसर अपनी गलत सोच को प्रदर्शित कर रहे हैं।

अभी कोई निर्देश नहीं मिला है: सीनियर सीपीआरओ
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के सीनियर सीपीआरओ साकेत रंजन ने कहा कि हसदेव एक्सप्रेस को चलाने के लिए बोर्ड से अभी कोई निर्देश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही कोरबा से रायपुर के बीच हसदेव को चलाया जा सकेगा। जैसे ही अनुमति मिलती है उसकी जानकारी दे दी जाएगी।

कम यात्रियों का फिर बनाया बहाना
रेलवे के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार हसदेव एक्सप्रेस को एक्सटेंशन नहीं देने के पीछे कम यात्रियों का सफर करना रहा है। अब रेलवे के ऐसे अधिकारियों को कौन समझाए कि कोरोना संक्रमण के दौरान केवल कोरबा रायपुर रूट ही नहीं अन्य सभी रूटों पर यात्रियों की कमी बनी हुई है। अगर ऐसे समय में भी रेलवे को राजस्व की चिंता है तब तो उन्हें किसी रूट पर भी ट्रेन नहीं चलानी चाहिए।

त्याेहारी सीजन में भी उचित नहीं समझा एक्सटेंशन
प्रशासन ने लॉकडाउन को 2 दिन पहले ही हटा लिया। इस माह नवरात्र, दशहरा के साथ दीपावली की तैयारी में भी लोग जुट जाएंगे। सर्वाधिक व्यापारिक लेनदेन बिलासपुर व रायपुर से होता है। यही नहीं समान्य यात्री भी त्याेहार में अपने गांव व शहर जाते हैं। जिससे यात्रियों की संख्या सामान्य सीजन की तुलना में दो गुना से अधिक हो जाती है। इसके बाद भी रेलवे ने एक्सटेंशन देना उचित नहीं समझा।

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