भिलाई/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में ACB और EOW ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के छह हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में प्रदेश के कई जगहों पर छापेमारी की है। गुरुवार की सुबह अफसरों की टीम ने एक साथ घोटाले से जुड़े लोगों के यहां दबिश दी और जांच शुरू कर दी है।
इसमें रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर सहित 20 से 22 जगहों पर एक साथ कार्रवाई चल रही है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में ACB-EOW में केस दर्ज कराया है, जिसके बाद यह छापेमारी की जा रही है।
गुरुवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो करीबी शराब कारोबारियों पप्पू बंसल और विजय भाटिया के यहां ACB की टीम पहुंची है। पप्पू बंसल न्यू खुर्शीपार में रहते हैं और विजय भाटिया का बंगला नेहरू नगर पूर्व में है। दोनों जगह छापे की कार्रवाई जारी है।
न्यू खुर्शीपार स्थित शराब कारोबारी पप्पू बंसल का बंगला।
रेड की भनक लगते ही गायब हुआ पप्पू बंसल
ऐसा कहा जा रहा है कि ACB की इस रेड की भी खबर लीक हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि पप्पू बंसल कल रात 9 बजे तक भिलाई में था। इसके बाद अचानक वो लापता हो गया। जब ACB की टीम छापेमारी करने पहुंची तो वो घर पर नहीं मिला। वहीं, विजय भाटिया छापेमारी के दौरान घर पर मौजूद है।
इसी गाड़ी से छापेमारी के लिए पहुंचे ACB के अफसर।
बिलासपुर में तीन से चार जगहों पर दबिश
इसी कड़ी में शराब कारोबार से जुड़े लोगों के साथ ही उनके सीए को ACB और EOW ने निशाना बनाया है। जिसमें बिलासपुर में भी टीम ने तीन से चार जगहों पर दबिश दी है। इसमें एफएल 10 ए कंपनी के सीए संजय मिश्रा के ऑफिस और घर सहित बाकी जगहों पर कार्रवाई चल रही है।
बिलासपुर में CA संजय मिश्रा के आवास में चल रही ACB-EOW की जांच।
2 महीने पहले भी पड़ा था ACB-EOW का छापा
दरअसल, ACB-EOW ने केस दर्ज करने के बाद करीब दो महीने पहले बिलासपुर के सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी और कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी में छापेमारी की थी। साथ ही दुर्ग के कुम्हारी स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर में अनवर ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड समेत रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा के ठिकानों पर जांच की थी।
माना जा रहा है कि उस कार्रवाई में मिले इनपुट के आधार पर टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।
कांग्रेस शासनकाल में ED की रेड पड़ चुकी है
दोनों ही बड़े शराब कारोबारी हैं और शराब घोटाले से इनके नाम जुड़े हैं। इन दोनों के यहां पिछले साल कांग्रेस शासनकाल में ED की रेड पड़ चुकी है। ED ने इनके यहां छापेमारी कर जांच तो की, लेकिन एक भी बार दोनों गिरफ्त में नहीं आए।
(Bureau Chief, Korba)