Thursday, April 25, 2024
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गंजे लोगों में कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा, 2.5 गुना अधिक है गंभीर रूप से पीड़ित होने का डर…

पुरुषों में गंजेपन को एंड्रोजेन रिसेप्टर (एआर) कंट्रोल करते हैं. इसी से पता चलता है कि किसी व्यक्ति का शरीर एंड्रोजेन्स को लेकर कितना सेंसेटिव है. 

नई दिल्ली: कोरोना महामारी का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है, लेकिन भारत में हालात चिंताजनक हैं. इस बीच एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गंजेपन के शिकार लोगों को कोरोना से प्रभावित होने की दशा में गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा बहुत ज्यादा है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन पुरुषों में मेल हार्मोन सेंसिटिविटी लेवल 22 से ज्यादा है, वो आम लोगों के मुकाबले गंभीर रूप से 2.5 गुना ज्यादा बीमार हो सकते हैं. इस रिसर्च में 65 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें अनुवांशिक तौर पर गंजेपन की बीमारी थी. डेलीमेल की खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों ने इन लोगों की अनुवांशिकता और डीएनए सैंपलिंग भी की. इस दौरान पुरुषों के गंजेपन के पैटर्न को भी परखा गया. इसे androgenetic alopecia भी कहते हैं. इसकी वजह से दुनिया के 50 फीसदी पुरुष,जो 50 वर्ष से ऊपर के हैं, वो गंजेपन के शिकार हैं. androgenetic alopecia के शिकार लोगों पर एंड्रोजेन्स की मात्रा भी बढ़ जाती है. नई रिसर्च कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नए दरवाजे खोल सकती है. कोरोना पर शोध कर रही टीम का कहना है कि इस पैटर्न के मुताबिक अगर इलाज किया जाए, तो संभव है कि कोरोना के असर को कम किया जा सके. पुरुषों में गंजेपन को एंड्रोजेन रिसेप्टर (एआर) कंट्रोल करते हैं. इसी से पता चलता है कि किसी व्यक्ति का शरीर एंड्रोजेन्स को लेकर कितना सेंसेटिव है. एंड्रोजेन्स TMPRSS2 एंजाइम से भी जुड़ा है. जो कोरोना वायरस संक्रमण की सूरत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

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