कोरबा: जिले के कटघोरा वन मंडल में असामान्य और सुस्त अवस्था में पाए गए तेंदुए की मौत हो गई है। कटघोरा वनमंडल में 8 दिन के अंदर दो तेंदुएं की मौत हुई है। कुछ दिन पहले एक ग्रामीण ने बछड़े के शिकार का बदला लेने के लिए तेंदुआ को जहर देकर मार दिया था। कटघोरा डीएफओ का कहना है कि जंगल में पानी जैसी कोई समस्या नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, कटघोरा फॉरेस्ट डिवीजन के अंतर्गत कोनकोना के कक्ष क्रमांक 734 में रविवार की सुबह 9 बजे एक तेंदुआ कमजोर स्थिति में देखा गया था। लोगों की सूचना पर वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखाते हुए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया। तेंदुए को रविवार को ट्रेंकुलाइज करने के बाद कानन पेंडारी भेजा गया था।
हीट स्ट्रोक होने की थी आशंका
वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि भीषण गर्मी के दौर में तेंदुआ जिस स्थिति में मिला उससे ऐसा लग रहा था कि वह गर्मी के चलते हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गया था। वन विभाग के डॉक्टर के द्वारा उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। रात्रि 1.30 बजे तेंदुआ को बिलासपुर कानून पेंडारी भेजा गया था जहां पर उसका इलाज चल रहा था।
जंगल एरिया में पानी की नहीं है कमी
सोमवार की सुबह 8:30 बजे उसकी मौत होने की सूचना मिली है। इस मामले में जंगल क्षेत्र में पानी की कमी जैसा कोई मुद्दा नहीं है। वन्य प्राणियों के लिए हर तरफ पानी उपलब्ध हैं। गर्मी के मौसम में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर कई प्रकार से काम किए जा रहे हैं, जिस प्रकार की परिस्थितियों सामने आ रही है उसे देखते हुए कई स्तर पर सतर्कता बरतने की जरूरत है।
तेंदुए की निगरानी के लिए जगह-जगह कैमरे लगाए
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही कटघोरा वन परिक्षेत्र के एतमा नगर में तेंदुआ के हत्या का मामला सामने आया था जिसमें पिता-पुत्र समेत एक अन्य आरोपी को कटघोरा वन विभाग ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से लगातार वन विभाग इस इलाके में तेंदुए पर नजर रखी हुई थी। वन विभाग ने सुरक्षा के लिए निगरानी करने जगह-जगह कैमरे लगाए हैं।
(Bureau Chief, Korba)