बिलासपुर: जिले में युवक को हाईकोर्ट में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगों ने उसे डेटा एंट्री ऑपरेटर बनाने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति आदेश थमा दिया। जब युवक लेटर लेकर हाईकोर्ट पहुंचा, तब इसका पता चला। युवक ने अपने दोस्त और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, सक्ती जिले के बाराद्वार क्षेत्र के ग्राम भुरसीडीह निवासी कैलाश राठौर डेटा एंट्री ऑपरेटर की ट्रेनिंग करने के बाद भिलाई स्टील प्लांट में प्राइवेट नौकरी कर रहा था। इसी दौरान सितंबर 2023 में चांपा निवासी उसके बचपन के दोस्त अमर सिंह धनवार के साथ उसने हाईकोर्ट में डेटा एंट्री ऑपरेशन के लिए ऑफलाइन फॉर्म जमा किया था।
मार्च 2024 में उसके दोस्त अमर ने उसे फोन कर बताया कि उसने अपनी नौकरी के लिए बिलासपुर के चंद्रकांत पांडेय से बात किया है। वो पैसे लेकर नौकरी लगाने का दावा किया है। वो 2 लाख 50 हजार रुपए लेकर नौकरी लगवा देगा।
दोस्त के साथ खुद झांसे में आया युवक
युवक ने पुलिस को बताया कि, उसके दोस्त अमर ने चंद्रकांत पांडेय से बात कराया, तब वो भी नौकरी पाने की लालच में आ गया। चंद्रकांत ने उससे बात कर बिलासपुर बुलाया। जहां महाराणा प्रताप चौक के पास उसने नौकरी लगाने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए में सौदा तय कर एग्रीमेंट किया। इस दौरान बतौर एडवांस 30 हजार रुपए भी लिए।
फर्जी नियुक्ति आदेश थमा कर वसूले पैसे
इसके बाद उसने किश्तों में उससे एक लाख 50 हजार रुपए से अधिक वसूल कर लिए। युवक ने जब नौकरी लगाने की बात की, तब चंद्रकांत और उसके साथी आनंद ने मिलकर उसे डाटा एंट्री ऑपरेटर का नियुक्ति आदेश दिया। जिसे लेकर वो हाईकोर्ट पहुंचा। लेटर को देखकर हाईकोर्ट कर्मियों ने उसे फर्जी होने की जानकारी दी और बोला कि यहां कोई वैकेंसी ही नहीं निकला है।
इसके बाद युवक ने चंद्रकांत पांडेय और उसके साथी से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, उनका मोबाइल बंद मिला। इससे परेशान होकर युवक ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
(Bureau Chief, Korba)