KORBA: कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने 43 हजार 283 वोटों से दूसरी बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस को 5 लाख 70 हजार 183 वोट मिले हैं। वहीं, BJP प्रत्याशी सरोज पांडेय को 5 लाख 26 हजार 899 वोट मिले हैं। जीत के बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
कोरबा लोकसभा में पिछले परिणाम से इस बार का परिणाम ज्यादा अंतर नहीं था। पिछली बार दीपका नगर पालिका से भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योति नंद दुबे को टिकट दिया गया था। वहीं कांग्रेस से ज्योत्सना महंत थी। जहां पिछली बार भी कांग्रेस ने जीत दर्ज किया था।
स्थानीय मुद्दों की रही गूंज
यहां मोदी फैक्टर उतना अधिक काम नहीं आया। शहरी क्षेत्र में ही इसका प्रभाव रहा। स्थानीय मुद्दों ने यहां काफी हद तक चुनाव को प्रभावित किया है। मुख्य रूप से स्थानीय लोगों के लिए रेल सुविधा नहीं मिलने पर नाराजगी देखने को मिली। कई ट्रेन यहां के लोगों से छीनी गई।
एसईसीएल प्रभावित क्षेत्र में भू-स्थापित का मुद्दा सबसे अधिक प्रभावित रहा, जो काफी समय से रोजगार और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा शहर में जगह-जगह राखड़ डंप किए जा रहे हैं। इसे लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित थे। काफी लंबे समय से शिकायत और बावजूद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय लोग काफी निराश थे।
भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे दुर्ग से होने के कारण उन्हें बाहरी प्रत्याशी मानकर कांग्रेसी बयानबाजी करते रहे। वहीं, डॉक्टर चरण दास महंत ने पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए बयान के बाद कोरबा में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। वह सबसे यादगार पल रहेगा, जहां जगह-जगह पुतला दहन कर उनका विरोध किया गया था।
चुनाव में जीत के पांच कारण
- शहर छोड़ ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेसियों ने जीत के लिए अधिक जोर डाला और प्रचार-प्रसार किया।
- कोरबा में कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्र में छोटे से लेकर बड़े नेताओं को लेकर साथ चल रही थी।
- राहुल गांधी का कोरबा दौरे के दौरान एक अलग माहौल बना था।
- जन प्रतिनिधियों को बराबर साथ लेकर चलना।
- कांग्रेस ने रेल सुविधाओं की मांग की और राखड़ डम का विरोध किया।
हार के पांच कारण
- बाहरी प्रत्याशी होना। टिकट मिलने के बाद से ही विरोध शुरू हो गया था।
- शहर के भाजपा नेताओं का अंदरुनी विरोध।
- भिलाई से आकर कोरबा में पार्टी का कमान संभालना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार प्रसार की कमी, केवल शहर में ही प्रचार करते नजर आए।
जीत-हार के कुछ फैक्टर
कोरबा में वास्तविक लड़ाई सरोज पांडेय और चरणदास महंत के बीच थी। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत दोबारा चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। पिछली बार जब प्रचंड मोदी लहर थी, तब भी वे यहां से जीती थीं। इस बार सरोज पांडेय को भिलाई से ले जाकर कोरबा सीट से लड़ाया गया। सरोज पांडेय भाजपा की राष्ट्रीय नेता हैं। वे यहां से चुनाव जीत जातीं, तो केंद्र में बड़ा ओहदा होता।
ऐसी चर्चा है कि पार्टी के ही कई दिग्गज नहीं चाहते थे कि सरोज चुनाव जीतें। कोरबा में उन्हें स्थानीय नेताओं का वैसा सहयोग भी नहीं मिला, जो मिलना चाहिए था। अंदर खाने की बात यह भी है कि भाजपा के लोगों ने कांग्रेस के लिए काम किया। दूसरा, बाहरी और बिहारी का नारा भी लोगों ने चलाया। ज्योत्सना महंत के खिलाफ नाराजगी थी, लेकिन चरणदास महंत का चुनावी मैनेजमेंट यहां मोदी के चेहरे पर भारी पड़ा।
2024 में कोरबा लोकसभा सीट पर विधानसभावार वोट
विधानसभा सीट | कांग्रेस वोट | बीजेपी वोट |
भरतपुर-सोनहत | 65155 | 57689 |
मनेन्द्रगढ़ | 44725 | 39797 |
बैकुंठपुर | 62447 | 60514 |
रामपुर | 87772 | 74584 |
कोरबा | 53714 | 104182 |
कटघोरा | 75934 | 71615 |
पाली तानाखार | 99256 | 51178 |
मरवाही | 78495 | 60227 |
कुल वोट | 567498 | 519746 |
2019 में कोरबा लोकसभा सीट पर विधानसभावार वोट
विधानसभा सीट | बीजेपी वोट | कांग्रेस वोट |
भरतपुर-सोनहत | 66729 | 45081 |
मनेंद्रगढ़ | 45086 | 40703 |
बैकुंठपुर | 63178 | 49535 |
रामपुर | 61117 | 90180 |
कोरबा | 93221 | 58247 |
कटघोरा | 67696 | 73401 |
पाली तानाखार | 39156 | 100144 |
मरवाही | 59777 | 65380 |
डाक मतपत्र को मिलाकर कुल वोट | 497061 | 523310 |
कोरबा की देवतुल्य जनता को निराश नहीं होने दूंगी- ज्योत्सना महंत
कोरबा लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार भरोसा जताए जाने पर सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने लोकसभा क्षेत्र की जनता के प्रति बारंबार आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद के बिना यह कठिन लड़ाई जीतना संभव नहीं था, हमने मिलकर सब के सहयोग से कार्यकर्ताओं के बलबूते यह चुनाव जीता है, यह जीत समस्त कार्यकर्ताओं और कोरबा लोकसभा क्षेत्रवासियों को समर्पित है।
(Bureau Chief, Korba)