नई दिल्ली: NDA ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुन लिया है। लगातार तीसरी बार उनका प्रधानमंत्री बनना तय है। हालांकि इस बार उनकी कैबिनेट बिल्कुल नई नजर आएगी। इसमें 40 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे कुछ प्रमुख चेहरों को छोड़कर इस बार क्यों बदल जाएगी कैबिनेट…
सबसे पहले मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का मंत्रिपरिषद देखिए…
मोदी सरकार के 19 मंत्री चुनाव हारे, उनकी जगह नए चेहरे आएंगे
2024 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के 19 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। हारने वालों में स्मृति ईरानी, संजीव बालियान, महेंद्रनाथ पांडे, निरंजन ज्योति, अर्जुन मुंडा जैसे दिग्गज मंत्री भी शामिल हैं। हारने वाले इन 19 नेताओं को मोदी कैबिनेट 3.0 में जगह मिलती नहीं दिख रही है।
15-20 विभाग की डिमांड कर सकते हैं NDA के सहयोगी
2024 चुनाव में BJP पूर्ण बहुमत से 32 सीटें कम रह गई। इसलिए NDA के अन्य सहयोगी दलों का रोल बेहद क्रिटिकल हो गया है। उनकी बारगेनिंग पावर भी बढ़ी है, क्योंकि बिना उनके सहयोग के सरकार नहीं चल सकती। मोदी सरकार के 4 प्रमुख सहयोगी हैं…
- तेलुगु देशम पार्टी (TDP), 16 सीट
- जनता दल यूनाइटेड (JDU), 12 सीट
- शिवसेना (शिंदे गुट), 7 सीट
- लोक जनशक्ति पार्टी, 5 सीट
TDP मांग सकती है 5 से 7 मंत्रालय
- चंद्रबाबू नायडू ने सीधे तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपने विश्वस्तों के मार्फत BJP को संदेश भिजवा दिया है। TDP ने कहा है कि वह मोदी सरकार काे उसी कीमत पर समर्थन देगी जब उसे स्पीकर पद समेत पांच से सात बड़े मंत्रालय दिए जाएं।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक TDP ने BJP से शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, कृषि, ट्रांसपोर्ट, ग्रामीण विकास, जल शक्ति, ट्रांसपोर्ट सहित आवास एवं शहरी मंत्रालय की डिमांड की है।
JDU की भी 4-5 मंत्रालयों पर नजर
- नीतीश JDU के खाते पर BJP से उद्योग, कॉर्पोरेट, सामाजिक न्याय, वित्त, स्वास्थ्य, रक्षा, रेलवे, आवास एवं शहरी मंत्रालय मांग सकते हैं।
- JDU प्रवक्ता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि हम NDA में रहने के लिए कोई शर्त नहीं रख रहे हैं, लेकिन बिहार के हित में उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
शिवसेना को भी कॉर्पोरेट, उद्योग जैसे मंत्रालयों की उम्मीद
- शिवसेना (शिंदे) ने खुलकर ये बात नहीं रखी, लेकिन वो कॉर्पोरेट, उद्योग, शहरी विकास, ट्रांसपोर्ट में राज्यमंत्री के पद मांग सकते हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के कारण शिवसेना कॉर्पोरेट मंत्रालय पर जोर दे रही है।
LJP के चिराग मांग सकते हैं रेल और खाद्य
- लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने खाते की पांचों सीटों पर जीत दर्ज की है। बताया जा रहा है कि वे उन्हीं मंत्रालयों की डिमांड BJP से कर रहे हैं, जो पहले से उनकी पार्टी या उनके पिता राम विलास पासवान के पास रहे हैं। चिराग सरकार में रेलवे, रसायन और उर्वरक, इस्पात मंत्रालय मांग सकते हैं।
ये तय है कि BJP को गठबंधन की राजनीति के तहत महत्वपूर्ण मंत्रालय देने होंगे, लेकिन कौन से देने होंगे, इसका फैसला जल्द लेना होगा।
मोदी के बारे में फेमस है कि वे कुछ चुनिंदा छोड़कर हर सरकार में नया मंत्रिमंडल बनाते हैं। इस बार भी अनुमान यही है कि उनका मंत्रिमंडल बिल्कुल नया होगा। इस बार तो उन्हें सहयोगियों को भी एडजस्ट करना होगा।
पुराने मंत्रियों को बदलने का मोदी का पिछला रिकॉर्ड
जब 2014 में मोदी PM थे तो उनकी कैबिनेट में कुल 46 मंत्री थे। जब मोदी 2.0 सरकार आई तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडल से 25 मंत्रियों को हटा दिया था, जबकि अधिकांश चुनाव जीतकर वापस सदन में आए थे। यानी मोदी अपनी कोर टीम के बजाय नई टीम बनाने पर भरोसा करते हैं।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि हमेशा की तरह कुछ प्रमुख मंत्रियों जैसे राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर, पीयूष गोयल, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और धर्मेंद्र प्रधान को छोड़कर एक-दो चेहरे ही रिपीट हो सकते हैं।
19 मंत्रियों का चुनाव हारना, चार प्रमुख सहयोगियों की 15-20 मंत्रालयों की डिमांड, नरेंद्र मोदी की नए चेहरों को मौका देने की फितरत- इस बात की तरफ साफ इशारा है कि तीसरे कार्यकाल में 35-40 नए चेहरे नजर आएंगे।
(Bureau Chief, Korba)