नई दिल्ली: प्लान तैयार था। तीसरी बार PM बनते ही नरेंद्र मोदी कौन से बड़े फैसले लेंगे, फोकस क्या रहेगा इसके लिए वर्क प्लान रेडी था। फिर 4 जून, 2024 आया और हालात बदल गए। 400 पार तो दूर, BJP बहुमत के आंकड़े से भी दूर रह गई।
NDA को बहुमत तो मिला, लेकिन साथ मिले गठबंधन के दो मजबूत साथी TDP और JDU। इनके बिना फिलहाल बहुमत नहीं है और इन्हें इस 100 दिन के प्लान में से कई चीजें मंजूर नहीं हैं।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड, CAA-NRC, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करने, मुस्लिम रिजर्वेशन और वन नेशन-वन इलेक्शन पर विरोध दर्ज कराते रहे हैं। हालांकि, BJP सूत्रों के मुताबिक पार्टी, गठबंधन धर्म का पालन करेगी, लेकिन किसी की भी गैर-जरूरी मांगों के आगे नहीं झुकेगी।
BJP ने प्लान-B पर भी काम शुरू कर दिया है और छोटे दलों समेत इंडिपेंडेंट कैंडिडेट से बात की जा रही है।
लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के अगले दिन 5 जून को NDA की मीटिंग थी। इसमें PM मोदी के साथ TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए।
सबसे पहले जानते हैं, क्या है मोदी का 100 दिन वाला एक्शन प्लान।
10 साल ट्रेलर देखा, पिक्चर अभी बाकी है…
23 फरवरी, 2024 को दिल्ली में PM मोदी ने मंत्रियों से कहा था कि अगले 5 साल का रोडमैप और 100 दिनों का एक्शन प्लान बनाएं। अफसर आचार संहिता के दौरान इस पर होमवर्क करते रहे। 5 अप्रैल को राजस्थान के चूरु में एक चुनावी रैली में खुद मोदी ने कहा, ’10 साल में हमने जो काम किया वो ट्रेलर था, पूरी पिक्चर अभी आनी बाकी है।’
1. वन नेशन-वन इलेक्शन
2. यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)
3. मुस्लिम आरक्षण खत्म करना
4. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट में बदलाव
5. दिल्ली मास्टर प्लान
6. वक्फ बोर्ड खत्म करना
7. महिला आरक्षण
8. 70 साल के बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज
9. पेपर-लीक नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कानून
10. CAA का कम्प्लीट इम्प्लिमेंटेशन
11. यूनियन बजट
12. न्यू एजुकेशन पॉलिसी
13. जनगणना (2026 में परिसीमन होना है)
14. लखपति दीदी की संख्या 3 करोड़ तक ले जाना
15. PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
16. किसानों के लिए ऑयल सीड्स और पल्सेज पर ध्यान
17. भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना
18. रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म पर ध्यान देना
19. स्केल, स्कोप, स्पीड, स्किल के एजेंडे पर काम करना
कौन से मुद्दे हैं, जिन पर JDU को ऐतराज है
जेडीयू की तरफ से नीतीश कुमार ने BJP को सांसदों का समर्थन पत्र सौंप दिया है। इसके एक दिन के अंदर ही JDU प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निवीर और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सवाल उठा दिए हैं।
केसी त्यागी ने कहा, ‘अग्निवीर योजना को लेकर लोग नाराज हैं। हमारी पार्टी इस पर विस्तार से चर्चा चाहती है। UCC पर हमारा 10 साल पुराना स्टैंड है। नीतीश कुमार ने विधि आयोग को चिट्ठी लिखी थी कि इसमें सुधार होना चाहिए, लेकिन सबसे पूछकर करो।’
‘हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सभी के हितों का ख्याल रखकर रास्ता निकाला जाना चाहिए। वन नेशन-वन इलेक्शन पर हम साथ हैं। जातिगत गणना को पूरा देश मान रहा है, किसी की विरोध करने की हिम्मत नहीं है।’
वे मुद्दे जिन पर JDU चर्चा चाहती है:
1. वन नेशन-वन इलेक्शन
2. यूनिफॉर्म सिविल कोड
3. अग्निवीर (अग्निपथ योजना)
4. मुस्लिम आरक्षण खत्म करना
5. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट में बदलाव
6. वक्फ बोर्ड खत्म करना
7. CAA का कम्प्लीट इम्प्लिमेंटेशन
इस सब के अलावा महिला आरक्षण के भीतर OBC और SC/ST महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने पर भी नीतीश की तरफ से पहल हो सकती है। JDU सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश का भी विरोध कर रही है।
उधर, बिहार के डिप्टी CM और BJP नेता विजय सिन्हा ने अग्निवीर पर केसी त्यागी के बयान को खारिज करते हुए कहा, ‘ये कोई विषय नहीं है। विषय अब यह है कि राष्ट्र मजबूती से बढ़ना चाहिए। सामूहिक नेतृत्व मिल बैठकर काम करता है। यह कोई परिवारवादी पार्टी नहीं है।’
TDP ने साफ कहा, मुस्लिम आरक्षण को सेफगार्ड करना होगा
TDP लीडर चंद्रबाबू नायडू और मोदी के रिश्ते हमेशा से अच्छे नहीं रहे हैं। 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, तो TDP ने BJP का साथ छोड़ दिया था। दोनों के रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि नायडू ने मोदी को ‘कट्टर आतंकवादी’ तक बता दिया। TDP अविश्वास प्रस्ताव ले आई, जिसके बाद मोदी ने चंद्रबाबू नायडू को ‘भ्रष्ट राजनीतिज्ञ’ बता दिया।
1. वन नेशन-वन इलेक्शन
हम केंद्र सरकार से पहले भी कह चुके हैं कि वन नेशन-वन इलेक्शन के कॉन्सेप्ट में कोई प्रॉब्लम नहीं है। इस मुद्दे पर हम उनसे सहमत हैं। ये रास्ता न केवल देश की इकोनॉमी को बचाएगा, बल्कि सरकार और चुनाव आयोग का कीमती समय भी बच सकेगा।
2. महिला आरक्षण में SC/ST/OBC आरक्षण
आरक्षण के मुद्दे पर TDP हमेशा से ये सोचती रही है कि यह हर सेक्शन ऑफ सोसाइटी को बराबर मिले। पहली बार संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, तो TDP ने उसे आगे आकर सपोर्ट किया था। किसी भी हालत में हम हमेशा समाज के हर वर्ग के साथ हैं।
NT रामाराव के समय में भी हमने SC/ST के लिए अलग से वेलफेयर हॉस्टल बनवाए। हमने महिलाओं को प्रॉपर्टी में आधा हिस्सा दिया। महिलाओं के लिए अलग से यूनिवर्सिटी बनाई। इसलिए महिला आरक्षण में SC/ST/OBC के मुद्दे पर TDP पहले भी बात करती रही है, आगे भी करेगी।
3. मथुरा-काशी मंदिर को लेकर अप्रोच
अयोध्या में राम मंदिर बना तो TDP ने सरकार को सपोर्ट किया था। हमारे प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने खुद अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए थे। उस समय भी हम दूसरी पार्टियों की तरह नहीं थे, जो न्योता मिलने पर भी वहां नहीं गए।
अगर आप काशी-मथुरा पर TDP का अप्रोच जानना चाहते हैं, तो हम केवल इतना कहेंगे कि अभी दोनों जगहों के मुद्दे कोर्ट में हैं। इसलिए कानून के दायरे में जो भी फैसला आएगा, उसी को सही मानते हुए हम सरकार का साथ देंगे। जैसे अयोध्या का मसला हल हुआ, उसी कानून के तहत काशी और मथुरा के मैटर को देखना चाहिए।
4. मुस्लिम आरक्षण खत्म करना
हमने सरकार से मुस्लिम आरक्षण को सेफगार्ड करने के लिए बोला है। हम उसी सिलसिले में अपने गठबंधन के साथियों से आगे बात करेंगे, नेगोशिएट करेंगे और इसका हल निकालने की कोशिश करेंगे।
5. वक्फ बोर्ड खत्म करना
वफ्फ बोर्ड या फिर मुसलमान अल्पसंख्यकों को लेकर हमारा स्टैंड बहुत क्लियर है। कोई भी धर्म के लिए कभी किसी तरह की ऊंच-नीच की भावना नहीं होनी चाहिए। अगर आने वाले समय में वक्फ बोर्ड को लेकर ऐसा फैसला होता है, तो केंद्र को सहमति देने से पहले TDP अपने ऊपरी संगठन से इस मुद्दे पर बातचीत करेगी। इसका हल सरकार को सुझाया जाएगा।
6. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करना
TDP अब NDA अलायंस की क्रूशियल पार्टनर हैं। हम 1990 में भी उनके साथ थे, 2014 में भी हमने साथ चुनाव लड़ा और अब 2024 में फिर से हम एक साथ हैं। हम वो पार्टी हैं जो हर धर्म को एक तरह की इंपॉर्टेंस देते हैं।
अगर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट में आगे कुछ बदलाव होता है, या फिर इस एक्ट को बिल्कुल रिजेक्ट करते हैं, तो इस तरह के नेशनल मुद्दों पर TDP हमेशा पहले सरकार से ठोस बातचीत करेगी। अगर बात सभी धर्मों के लिए बराबर होगी, तो हम जरूर इस पर अमल करेंगे।
7. यूनिफॉर्म सिविल कोड
चाहे NRC हो या UCC, दोनों केस में TDP ने अब तक कोई स्टैंड नहीं लिया है। अभी इन मुद्दों को लेकर पार्टी में इंटरनल डिस्कशन नहीं हुआ है। जब हमारे पॉलिटिकल ब्यूरो, सभी कमेटियां और सभी सांसद इस पर बात कर लेंगे, तभी कोई डिसीजन लिया जाएगा।
JD(U) नेता केसी त्यागी ने भी कहा है कि UCC पर हमारा रुख नहीं बदला है। पहले इस पर व्यापक विमर्श होना चाहिए।
8. CAA का कम्प्लीट इम्प्लिमेंटेशन
CAA जैसे बड़े राष्ट्रीय मुद्दे को TDP गंभीरता से लेती है। जब तक ये कानून किसी वर्ग को नुकसान नहीं पहुंचाता, तब तक हम इसके अमल पर राजी हैं। अगर आने वाले वक्त में केंद्र सरकार इसमें किसी बड़े बदलाव के बारे में सोचती है, या इस एक्ट पर कोई सलाह लेती है, तो TDP अपनी तरफ से हमेशा हल निकालने में मदद करेगी।
अब डीटेल में जानिए, क्या है मोदी का 100 दिन वाला प्लान
‘चुनाव से एक महीने पहले मैंने 5 साल का प्लान बनवाया और उसमे से 100 दिन का प्लान निकालने को कहा। इस पर प्रायोरिटी के हिसाब से काम होगा। प्लान में मैंने 25 दिन और जोड़ दिए हैं। देशभर के युवा रोडमैप पर सुझाव दे रहे हैं। मैंने तय किया है कि 100 दिनों के अलावा 25 दिन युवाओं के सुझाव पर अमल के होंगे।’
20 मई को दिए एक इंटरव्यू में PM ने ये बात कही थी। लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया था कि वे नई सरकार के अगले 100 दिनों के प्लान पर काम कर रहे हैं। 100 दिन के एजेंडे में एग्रीकल्चर, फाइनेंस, डिफेंस में जरूरी सुधार और जल्द पूरे किए जाने वाले प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। सरकार के टॉप एजेंडे में शामिल सुधारों में सेना में थिएटर कमांड तैयार करना भी है।
सूत्रों ने बताया है कि एक्शन प्लान में पहले 100 से ज्यादा टारगेट और प्रपोजल थे, इन्हें घटाकर करीब 50 कर दिया है। सरकार ने अपनी प्रायोरिटी की तीन कैटेगरी A, B और C बनाई है। A कैटेगरी के टारगेट सबसे ज्यादा प्रायोरिटी वाले हैं, प्रधानमंत्री शपथ लेने के बाद ही इन पर काम शुरू कर देंगे। B कैटेगरी के प्रपोजल का ऐलान कुछ दिन में केंद्रीय मंत्री करेंगे।
C कैटेगरी के लॉन्ग टर्म टारगेट रखे गए हैं। इन्हें अगले 2-3 साल में पूरा करने का टारगेट रखा गया है। इनमें चिप और सेमीकंडक्टर पर फोकस करना, बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस टेक्नीक पर काम करना, ई-मोबिलिटी और एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन पर जोर देना और रेलवे में बड़े इन्वेस्टमेंट करना शामिल है।
(Bureau Chief, Korba)