रायपुर: सोशल मीडिया पर काम तलाश रहे रायपुर AIIMS के इलेक्ट्रीशियन लिलेश कुमार साहू से 11 लाख की ठगी हुई है। इलेक्ट्रीशियन ने टेलीग्राम ग्रुप में अवीन कंपनी के लिंक को क्लिक किया। लिंक क्लिक करने पर ऑनलाइन ठगों ने उसकी जानकारी पूछी और पार्ट टाइम ऑनलाइन काम देने का झांसा दिया था। मामला सरस्वती नगर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, ठगों ने हर दिन रिव्यू देने और टारगेट पूरा करने पर पैसा खाते में आने की बात कही। उनकी बातों में आकर इलेक्ट्रीशियन ने उनके बताए खाते में पैसा जमा कर दिया। पैसा जमा करने के बाद इलेक्ट्रीशियन को आईडी मिली और उसमें उसकी तरफ से जमा अमाउंट दिखने लगा।
आईडी के आधार पर उसने काम किया, तो उसकी आईडी से पैसे कट गए। पैसे कटने पर उसने कस्टमर केयर कॉल किया, तो पैसा जमा करने पर पूरा पैसे आने की बात कॉलर ने लिलेश कुमार को बताई।
ऐसे पता चला ठगी का
कॉलर और कंपनी के सदस्यों के फोन करने पर लिलेश उनके खाते में डेढ़ महीने तक पैसे जमा करता रहा। जब उससे लगातार पैसे मांगते रहे, तो उसने पैसा वापस करने के लिए कहा। पीड़ित इलेक्ट्रीशियन के पैसे मांगने पर आरोपियों ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया, तो लिलेश को ठगी का एहसास हुआ।
3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
पीडित की शिकायत के बाद सरस्वती नगर पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया है। थाना प्रभारी लखन पटेल ने बताया कि, आरोपियों की पताशाजी की जा रही है। वहीं, ठगों को जानकारी की साइबर सेल के पास भी भेजी गई है। जिस अकाउंट में पैसे मंगवाए गए अकाउंट की डिटेल भी बैंक के जरिए मांगाई जा रही है।
पत्नी, साले और दोस्तों से लिए पैसे
पुलिस को बयान देने के दौरान इलेक्ट्रीशियन ने बताया कि ठगों को पैसे देने के लिए उसने अपनी पत्नी के गहने बेचकर 2 लाख 18 हजार, खुद के पास रखे 1 लाख 30 हजार, साले से 1 लाख 54 हजार 120, दोस्त केतन से लगभग 1 लाख, गोविंद से 86 हजार और पुरुषोत्तम से 10 हजार रुपए लेकर ठगों के खाते में डाले थे। ठग अलग-अलग नंबर से फोन कर पैसों की मांग कर रहे हैं।
ऐसा होने पर 155260 पर कॉल करें
मोबाइल और ऑनलाइन लेनदेन बढ़ने से लोग अनजाने में ही फर्जी लिंक, फर्जी सर्विस सेंटर या हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर फंस रहे हैं। जैसे ही आपके पास खाते से पैसे निकलने का मैसेज आए, हेल्पलाइन नंबर 155260 पर तुरंत कॉल करना चाहिए। www.cybercrime.gov.in में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
ऐसा करने से खाते में पैसे वापस आने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि हर घटना में ऐसा नहीं होता। जिन मामलों में संभव है, उनमें पुलिस ठग के खाते को फ्रीज करवाती है और ट्रांजेक्शन रोकने के लिए मेल करती है। शॉपिंग हुई हो तो पुलिस कंपनी को मेल कर सामान की डिलवरी रुकवाती है और पैसे लौटाती है।
इन पैटर्न में हो रही ठगी
- इनवेस्टमेंट के नाम पर
- आधार कार्ड बैंक से जोड़ने के नाम पर
- लॉटरी के नाम पर
- इनाम की राशि के नाम पर
- एटीएम कार्ड की वैलिडिटी खत्म होने के ना मपर
- ऑनलाइन खरीदी में भारी छूट के नाम पर
- फेक ईमेल भेजकर ठगी
- ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी
- ऑनलाइन मोबाइल टावर बिजनेस के नाम पर ठगी
- सिम कार्ड की वैधता खत्म होने के नाम पर ठगी
- पॉलिशी रिनूअल कराने के नाम पर ठगी
- जॉब ऑफर के नाम पर ठगी
- ऑर्मीमैन बनकर ठगी
- रिश्तेदार बनकर ठगी
- सेक्स वीडियो बनाकर ठगी
- मदद के नाम पर ठगी
- क्रेडिट कार्ड बंद करने और शुरू करने के नाम पर ठगी
इस तरह बचे साइबर ठगों से
- सोशल मीडिया पर आप अपने निजी और ऑफिशियल जानकारी किसी से साझा नहीं करें।
- अगर आपको किसी कंपनी का कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर ढूंढना हैं तो उसे गूगल पर नहीं खोजें, बल्कि उस संस्थान के वेबसाइट पर जाएं और फिर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें।
- कभी भी सर्विस प्रोवाइडर, बैंक और यूपीआई किसी कस्टमर को कॉल नहीं करते। इसलिए इनके नाम से आने वाले फोन कॉल पर विश्वास नहीं करें। अगर आपको आशंका हो तो बैंक जाकर बात करें।
- अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें।
- यदि आपके पास बैंकिंग या फाइनेंस से जुड़ा कोई मैसेज आता है तो उसे बहुत ध्यान से पढ़ें।
हर महीने 35 से 40 लाख की ठगी
राजधानी के अलावा प्रदेश में साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से ठगी कर रहे हैं। हर माह 35 से 40 लाख रुपये की ठगी हो रही है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में हर महीने 500 से ज्यादा लोगों के पास अलग-अलग तरीके से ठगी के कॉल आ रहे हैं। इनमें से 25 से 30 फीसदी लोग ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
पुलिस लगातार कर रही जागरूक
साइबर ठगों के झांसे में जिलेवासी ना आए, इसलिए रायपुर पुलिस के अधिकारी जागरुकता अभियान चला रहे हैं। सोशल मीडिया से सड़क तक पुलिसकर्मी लोगों से संपर्क कर रहे हैं। साइबर ठगों से बचने की नसीहत दे रहे हैं। इसके अलावा शहर के हर थानों में साइबर जागरूकता की वाल पेटिंग और पोस्टर पुलिसकर्मियों ने लगवाए हैं। इन सबके बाद भी आम लोग लालच के चक्कर में साइबर ठगों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की रकम गवा रहे हैं।
(Bureau Chief, Korba)