बिलासपुर: पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय ठग गिरोह के 4 सदस्यों को हिमाचल प्रदेश के शिमला से गिरफ्तार किया है। बांग्लादेश और कैमरून के दो स्टूडेंट ने दो भारतीय छात्रों के साथ मिलकर रिटायर्ड कर्मचारी को घर बैठे कमाई करने का लालच दिया था। उनसे 27 लाख रुपए की ठगी कर ली।
दो आरोपी स्टूडेंट वीजा पर भारत आकर इंजीनियरिंग और फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देशभर के लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया। SP रजनेश सिंह ने इस गिरोह का खुलासा किया है।
इंजीनियरिंग और फार्मेसी की पढ़ाई करने आए थे विदेशी स्टूडेंट।
टास्क दिया, फिर कमीशन भी
SP रजनेश सिंह ने बताया कि सरकंडा क्षेत्र के मोपका निवासी सिया शरण तिवारी रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनके मोबाइल पर फरवरी महीने में अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने उन्हें घर बैठे कमाई का झांसा दिया। उनकी बातों में आकर रिटायर्ड कर्मचारी ने उनके बताए अनुसार काम करना शुरू कर दिया। पहले उन्हें कुछ टास्क दिया गया। इसके बदले उन्हें कमीशन भी दिया गया।
पैसे जमा करने का झांसा देकर ठगी
कमीशन के पैसे पाकर रिटायर्ड कर्मचारी का ठगों ने भरोसा जीत लिया। बाद में उन्हें मोटी कमाई के लिए पैसे इनवेस्ट करने कहा गया। लालच में आकर पहले उन्होंने कुछ रुपए जमा किया। इसके बाद उन्हें ज्यादा लाभ कमाने के लिए और पैसे जमा करने का झांसा दिया गया।
कमाई की लालच में आकर रिटायर्ड कर्मचारी ने अलग-अलग किश्तों में 27 लाख रुपए ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद भी उन्हें न तो कमीशन मिला और न ही ज्यादा लाभ मिल पाया, जिससे परेशान होकर रिटायर्ड कर्मचारी ने सरकंडा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की।
टेक्निकल जांच में हिमाचल प्रदेश में मिला लोकेशन
पुलिस की तकनीकी जांच के दौरान पता चला कि आरोपी युवक हिमाचल प्रदेश के शिमला और सोलन के आसपास रहते हैं। इसी आधार पर ACCU की टीम को हिमाचल प्रदेश रवाना किया गया। टीम ने तकनीकी इनपुट के आधार पर वाकनाघाट सोलन स्थित बहरा विश्वविद्यालय के चार छात्रों को गिरफ्तार किया गया।
इनमें से दो छात्र विदेश बंगलादेश और कैमरून से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने भारत आए हैं। वहीं, एक छात्र जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। जम्मू कश्मीर निवासी राजवीर फार्मेसी का छात्र है। वहीं, अन्य तीनों छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।
पढ़ाई के दौरान चलाते थे ठगी की दुकान
ASP अनुज कुमार ने बताया कि आरोपी छात्र एक साल से लोगों को अलग-अलग टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। आरोपी छात्र देश भर के लोगों को घर बैठे मोटी कमाई का लालच देकर झांसे में लेते थे।
इस बीच उनका भरोसा जीतने के लिए पहले बतौर कमीशन कुछ पैसे भी देते थे। ये पैसे भी धोखाधड़ी से दूसरे के खातों से भेजे जाते थे। पुलिस ने आरोपी युवकों के कब्जे से दो लैपटाप, बैंक पासबुक को बरामद किया है।
पकड़े गए आरोपी युवक
- प्रियांशु रंजन(20) निवासी एसबीआई भास्कर राव नगर साई रेसीडेंनसी सैनिकपुरी हैदराबाद वर्तमान पता बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट शिमला।
- राजवीर सिंह(22) निवासी ग्राम व पोस्ट कलालकरन जम्मू काश्मीर वर्तमान पता बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट शिमला।
- मोहम्मद शोबुज मोरल(22) निवासी तेलीखानी दारून मोरनी खुलना बांग्लादेश वर्तमान बाहरा यूनीवर्सिटी वाकनाघाट शिमला।
- टेम्फू कार्ल नगेह(22) निवासी बामेन्डा नर्कन कमेरुनियन वर्तमान पता बाहरा यूनिवर्सिटी वाकनाघाट सोलन वाकनाघाट शिमला।
एक सप्ताह की रेकी के बाद पकड़े गए आरोपी
पुलिस की टीम ने एक सप्ताह तक हिमाचल प्रदेश में रहकर आरोपित युवकों की जानकारी जुटाई। इसके बाद हिमाचल पुलिस के सहयोग से आरोपित युवकों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की टीम को एएसपी उमेश कश्यप, एसीसीयू के नोडल अफसर एएसपी अनुज कुमार, सीएसपी निमितेश सिंह दिशा-निर्देश दे रहे थे।
टीम में ACCU के प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, SI अजय वारे, ASI सुरेश पाठक, आरक्षक विजेंद्र मरकाम, शिरिश तिवारी, मुकेश वर्मा शामिल रहे।
जालसाजों से बचने पुलिस की अपील
पुलिस की ओर से लोगों से इनाम या घर बैठे मोटी कमाई के लालच में नहीं फंसने की बात कही है। एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि किसी भी कंपनी अथवा संस्थान की वेबसाइट को सर्च करने से पहले जानकारी जरूर लें। HTPPS लगी वेबसाइट पर ही सर्च करें। लिंक से भेजे गए किसी भी ऐप को मोबाइल पर डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
केवल सेवा प्रदाता के एप को ही मोबाइल पर डाउनलोड किया जाना चाहिए। बैंक या कोई भी संस्थान लिंक भेजकर एप डाउनलोड नहीं कराता। कोई भी संस्थान बैंक की जानकारी नहीं मांगता। अगर कोई आपके मोबाइल पर लिंक भेजकर एप डाउनलोड करने कहता है इससे बचें। ऐसे लोग जालसाज हो सकते हैं। लेनदेन करने से पहले लोगों की जानकारी लें।
आसपास के लोगों से भी इस संबंध में चर्चा कर जरूरी जानकारी ले लें। अगर कोई इनाम का लालच दे रहा है तो इसे नजर अंदाज करें। साथ ही बिना मेहनत के रुपये का लालच देने वाले जालसाजी कर रुपए ऐंठने वाले हो सकते हैं। ऐसे लोगों से किसी भी तरह का लेनदेन न करें। घर बैठे लोन देने वाले भी जालसाजी करते हैं। ऐसे लोगों से रुपये लेने से बचना चाहिए।
(Bureau Chief, Korba)