(Bcc News 24): सूरजपुर में शनिवार को युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर रणबीर शर्मा के खिलाफ IAS एसोसिएशन का भी गुस्सा फूटा है। अफसरों के इस संगठन की तरफ से सोशल मीडिया में एक ट्वीट के जरिए रणबीर शर्मा की हरकत पर निंदा जाहिर की गई है। एसोसएशन की तरफ से लिखा गया है कि मुश्किल के इस दौर में एक IAS का व्यवहार जनता के प्रति बेहद जिम्मेदार होना चाहिए। अब प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो कलेक्टर रणबीर शर्मा पर थप्पड़ कांड के बाद सरकार कार्रवाई करने का भी मन बना रही है। हालांकि रणबीर शर्मा इससे पहले भी कई विवादों की वजह से सुर्खियों में छाए रहे हैं।
IAS बनने के तीन साल बाद 10 हजार लेते पकड़े गए थे
साल 2012 में जनता की सेवा करने की कसम खाकर IAS बने तो छत्तीसगढ़ में नौकरी करने पोस्टेड हुए। जुलाई, साल 2015 की बात है, तब नए थे रणबीर शर्मा को कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में प्रशिक्षु आईएएस के तौर पर SDM बनाया गया था। जानकारी के अनुसार चौगेल में पदस्थ पटवारी सुधीर लकड़ा ने शिकायत की थी कि एसडीएम रणवीर शर्मा जमीन के खरीद-फरोख्त मामले में जांच रोकने और कार्रवाई नहीं करने के लिए रकम की मांग कर रहे थे। शर्मा ने 40 हजार मांगे थे, 30 में डील डन हुई थी। इसकी जानकारी पटवारी ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी।
तस्वीर सूरजपुर की है। कलेक्टर कोविड सेंटर का जायजा लेने गए थे।
ब्यूरो की टीम ने पटवारी को पूरी बात रिकॉर्ड करने टेप देकर भेजा। पटवारी ने पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपए एसडीएम कार्यालय के चपरासी गणेश राम शोरी के माध्यम से शर्मा को पहुंचा दिए और बात रिकॉर्ड कर ली। पटवारी ने दूसरी किश्त के 10 हजार रुपए दोबारा चपरासी के हाथ एसडीएम को भेजे। जैसे पैसे शर्मा के चेंबर में पहुंचे एंटी करप्शन की टीम ने उसे पकड़ लिया। बाद में राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर के SDM के पद से हटाकर शर्मा को तब मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर पदस्थ किया गया।
साल 2014 की घटना के बाद दावा किया गया था कि गोली नहीं मारते तो भालू और जानें लेता, सिंबॉलिक फोटो।
जब भालू पर चलवाई गोली
साल 2014 में रणबीर शर्मा ने जंगली भालू को गोली मरवा दी थी। तब वो पेंड्रा मरवाही इलाके में SDM थे। जनवरी 2014 में ग्राम भर्रीडांड निवासी युवक भूपेंद्र सिंह लाश मिली थी। जानकारी है कि ये भालू के हमले में मारा गया था। ग्रामीणों ने पुलिस और वनविभाग को जानकारी दी। देर रात भालू उसी शव के पास आया और उसे खाने लगा। ग्रामीण वहां से भाग गए मगर इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कुछ और लोगों पर भालू ने हमला किया था। तब सूचना पर SDM रहे आईएएस रणवीर शर्मा वहां पहुंचे। साथ में पुलिस भी थी, भालू को जब खदेड़ा नहीं जा सका तो शर्मा के आदेश पर पुलिस ने इंसास रायफल से भालू पर फायरिंग की और वो वहीं मर गया।
रणबीर शर्मा के बारे में कुछ कर्मचारी बताते हैं कि वो गुस्सैल स्वभाव के इंसान हैं।
वाइल्ड एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत टाइगर, पैंथर, भालू की जान लेने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इन जानवरों के आदमखोर होने की दशा में भी पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना जान नहीं ली जा सकती। इस बारे में बेहद कड़े नियम हैं। गोली मारने के पहले निर्देश हैं कि पहले वन्य प्राणी को जाल में फंसाकर या बेहोश करने वाली गन का इस्तेमाल कर काबू में करने का प्रयास किया जाए। पेण्ड्रा में ऐसा प्रयास करने का सोचा भी नहीं गया। तब वन विभाग के प्रमुख PCCF रामप्रकाश ने कहा था कि रिपोर्ट में यदि यह प्रमाणित हो गया कि भालू को जीवित पकडऩा संभव था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस बयान बाद शर्मा अलग-अलग पदों पर बनते चले गए, अंदाजा लगाया जा सकता है कार्रवाई के नाम पर क्या हुआ होगा।
शनिवार को कलेक्टर की ये तस्वीर पूरे देश में वायरल हो गई।
थप्पड़ कांड के बाद इमोशनल माफी- मेरी मां को कोरोना है
अपने ताजा थप्पड़ कांड के बाद अब सूरजपुर कलेक्टर IAS रणबीर शर्मा ने माफी मांगी है। दोपहर में इनका एक हाथ जेब में डालकर सड़क पर मिले युवक का फोन तोड़कर उसे झापड़ मारने का वीडियो जब देश में वायरल हुआ तो रात में उदास चेहरा लिया एक वीडियो में रणबीर ने खुद बनाया। इसमें वो दुखी होकर माफी मांग रहे हैं। कह रहे हैं- सूरजपुर जिले में स्थिति खराब है, मैं और मेरे माता पिता दोनों कोविड संक्रमित हो गए थे। मैं पॉजिटिव नहीं हूं, इस वक्त मेरी मां पॉजिटिव हैं। कोविड होने के बाद आदमी के शरीर पर जो बीतती है मैं समझ सकता हूं।
खुद और अपने परिवार के लोगों के संक्रमित होने की बात कहकर कलेक्टर ने माफी मांगी।
रणबीर आगे कहते हैं मेरा और छत्तीसगढ़ के सरकारी अमले का प्रयास है कि लोग लॉकडाउन का पालन करें। एक साल से मैं और प्रदेश का पूरा सरकारी अमला रात दिन मेहनत कर रहे हैं। आज की घटना के प्रति मुझे खेद है मैं माफी मांगता हूं, जिसका वीडियो है वो युवक बाइक पर जा रहे थे, वहां मैं मौजूद था । हमने जब उसे रोका तो वो रुके नहीं हमें चोट लगने का डर था। वो वैक्सीनेशन कराने जा रहा हूं कहकर पर्ची दिखाने लगे मगर पर्ची वैक्सीनेशन की नहीं थी, फिर उसने दादी को देखने जाने की बात कही, उसने बद्तमिजी की ताे मैंने आवेश में आकर चाटा मारा दिया। मैं अपने इस व्यवहार के लिए माफी मांगता हूं।