Monday, October 21, 2024




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छत्तीसगढ़: कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मियावाकी पद्धति से किया वन महोत्सव का शुभारंभ

  • वृक्षारोपण करना स्वस्थ पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक
  • जनप्रतिधियों के साथ कलेक्टर एवं एसपी ने किया पौधारोपण

एमसीबी (BCC NEWS 24): आज जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘अभियान के तहत वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग द्वारा किया गया। आयोजन में कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मियावाकी पद्धति के माध्यम से परिसर में वन महोत्सव का शुभारंभ फीता काटकर किया।

जनप्रतिधियों के साथ कलेक्टर एवं एसपी ने किया पौधारोपण
जनप्रतिधियों के साथ कलेक्टर एवं एसपी ने किया पौधारोपण

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वनमण्डालाधिकारी ने वन महोत्सव के माध्यम से जिले में मियावाकी पद्धति के बारे में बताया। आज बड़े-बड़े मेट्रो सिटी में इस पद्धति के माध्यस से वानिकी किया जा रहा है। एक-एक मीटर के दूरी पर संघन वृक्षारोपण किया जा रहा है। जिससे घना वन मिलता है। जिससे हमें शुद्ध हवा मिलता है। 30 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है। इतना ही वायु और ध्वनि प्रदूषण भी सोखता है। हमारा मनेंद्रगढ़ अर्बन हिट आईलैण्ड बन सकता है। जिले के लोगों ने कॉॅफी मात्रा में पौधारोपण किया है। इसी प्रकार खाली स्थानों में और अधिक पौधारोपण करने की आवश्यकता है। जिससे हमें स्वस्थ पर्यावरण का लाभ मिलेगा। हमारे जिले में इस बार बारिश अच्छा हुआ है। पौधारोपण के लिए हमें पर्याप्त मात्रा में आर्द्रता और नमी मिलेगी। उन्होंने जिले जनप्रतिनिधिया, अधिकारियों, महतारी वंदन के हिग्राहियों तथा स्कूल के छात्र एवं छात्राओं को अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने वनमण्डलाधिकारी को जिले में पौधा रोपण कार्यक्रम को अभियान के मिशन मोड में करने कहा। जिससे हम अपनी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध एवं स्वच्छ हवा प्रदान कर सके।

पर्यावरण एवं वानिकी की उपलब्ध बताते उन्होंनेे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरूघासीदास तमोर पिंगला के रूप में जिले को बड़ा उपहार दिया है। जिसकी स्वीकृति कैबिनेट में मिल चुकी है। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। उन्होंने सभी को पौधारोपण एवं पर्यावरण की रक्षा करने के हरसंभव उपाय करने को कहा। पृथ्वी के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए वृक्षों का होना आवश्यक है। इसके लिए सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान का शुभारंभ पर्यावरण एवं जलवायु को बेहतर करने के उद्देश्य से किया गया है। अतः सभी जिलेवासी इस अभियान में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। पौधारोपण कार्य केवल वनक्षेत्र न किया जाये बल्कि वनक्षेत्र के बाहर निजी एवं शासकीय भूमियों जैसे आंगनबाड़ी, पुलिस चौंकी, उद्यान, अस्पताल, शमशान, शासकीय परिसर, छात्रावास, स्कूल परिसरों आदि स्थानों में भी किया जावेगा।

वनमण्डलाधिकारी श्री मनीष कश्यप ने मियावाकी पद्धति के बारे में बताते हुये कहा कि इस विधि का प्रयोग कर के घरों के आस-पास खाली पड़े स्थान (बैकयार्ड) को छोटे बगानों या जंगलों में बदला जा सकता है। मियावाकी पद्यति के प्रणेता जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी हैं। इसके माध्यम से जिले के छोटे-छोटे स्थानों पर मिनी फॉरेस्ट के रूप में विकसित करना है। जिससे जिले को हिट वेव से बचाया जा सके। इस पद्धति से प्लानटेशन 3 से 4 चार में बढ़ जाता है।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष कोरिया श्रीमती रेणुका सिंह, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सोनमती उर्रे, जिला पंचायत सदस्य श्री दृगपाल सिंह, कलेक्टर डी. राहुल वेंकट, गणमान्य नागरिक अनिल केशरवानी, लखन लाल श्रीवास्त,  धमेंद्र पटवा,  जमुना पाण्डेय, श्रीमती राज कुमारी बैगा, आलोक जायसवाल, धीरेन्द्र विश्वकर्मा, राहुल सिंह, अंकुर जैन, वीरेंद्र राणा, रंजीत सिंह,  प्रवीण निशी सहित जिले के अन्य जनप्रतिनिधि तथा वनविभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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