Thursday, April 25, 2024
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आबकारी अफसर खुदकुशी मामला: सुसाइड नोट में आत्महत्या करने का कारण नहीं, लिखा किसी का दोष नहीं अपनी इच्छा से कर रहे खुदकुशी, नाते-रिश्तेदारों से कोई शिकायत नहीं

  • बीमारी से परेशान आबकारी अफसर ने घर में लगाई फांसी
  • रिटायरमेंट के दिन जिंदगी से तौबा कर ली, सुबह मंदिर जाने वाले थे

मैं थानेश्वर प्रसाद पिता स्व छबीराम भुसाखरे शारीरिक तकलीफ के कारण स्वेच्छा से अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं। घर-परिवार, नाते रिश्तेदार या विभाग के किसी से भी कोई मुझे शिकायत नहीं है। मैं अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार हूं। अत: इस संबंध में किसी को भी परेशान न किया जाए।

आबकरी विभाग के सहायक आयुक्त ने रिटायरमेंट के दिन ही अपने घर पर फांसी लगा ली। उनके कमरे से एक चिट्‌ठी मिली है। पुलिस ने इसे सुसाइड नोट बताया है। इसमें खुदकुशी करने का कारण तो नहीं है पर कहा है कि उनकी मौत के बाद किसी को भी परेशान न किया जाए। इसमें किसी का दोष नहीं है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रायपुर जयनम विहार निवासी थानेश्वर प्रसाद भूसाखरे पिता स्व. छबिलाल 62वर्ष बिलासपुर में आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त थे। वे सरकंडा क्षेत्र के गुलाब नगर में अवधेश दुबे के मकान में अकेले किराए से रहते थे।

उनका परिवार रायपुर में रहता है। सोमवार को उनकी नौकरी का आखिरी दिन था। रिटायर होने वाले थे। आफिस में सुबह से ही उनकी विदाई की तैयारी चल रही थी। सुबह 7.45 बजे उनकी अपने ड्राइवर से बात हुई। उसे 10 बजे मंदिर जाने के लिए बुलाया। ड्राइवर उनके बताए समय पर मंदिर ले जाने घर से निकला। इसी बीच फिर फोन आया और उन्होंने आने से मना किया। उसे 11 बजे बुलाए। ड्राइवर 11 बजे उनके घर पहुंचा। बाहर से कॉल वेल बजाया पर भीतर से कोई जवाब नहीं आया। कुछ देर इंतजार करने पर उसने दरवाजे को हल्के से धक्का दिया, दरवाजा खुला हुआ था। ड्राइवर झांका तो भीतर आबकारी सहायक आयुक्त का शरीर फांसी के फंदे पर लटकते नजर आया।

सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा लिखा गया पत्र।

सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा लिखा गया पत्र।

पंखे के हुक पर उन्होंने गमछे से फंदा लगाया था। ड्राइवर ने आबकारी विभाग के अधिकारियों व सरकंडा पुलिस को सूचना दी तो सभी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो स्टूल पर एक कागज मिला। यह शायद उनकी लिखी हुई चिट्ठी थी। पुलिस ने उसे खोलकर पढ़ा। इसमें लिखा था वे अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रहे हैं। इसमें किसी का दोष नहीं है। पुलिस किसी को परेशान न करे। पुलिस ने उनके परिजनों को सूचना दी। पत्नी व बच्चों के आने के बाद तहसीलदार की उपस्थिति में शव को नीचे उतारकर पंचनामा किया गया फिर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है।

परिजनों ने खुदकुशी को अप्रत्याशित बताया
परिजनों ने सहायक आयुक्त की खुदकुशी को अप्रत्याशित बताया। कहा कि तीन चार दिन पहले ही वे रायपुर आए थे तो बिल्कुल ठीक थे। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी। अचानक आत्महत्या करने का समाचार मिलने पर उन्हें तो यकीन ही नहीं हुआ। पुलिस ने एफएसएल की टीम को भी मौके पर बुलाया था।

पत्नी ने कहा- कोई बीमारी नहीं थी, किसी को अपनी परेशानी नहीं बताते थे
पत्नी ने कहा कि वे सीधे सादे व्यक्ति थे। कम बात करते थे और परेशानी किसी को बताते नहीं थे। उन्हें किसी तरह की बीमारी भी नहीं थी। उनके तीन बच्चे हैं। इनमें दो बेटे व एक बेटी है। मकान मालिक अवधेश दुबे से भी पुलिस ने बातचीत की। उन्होंने आबकारी आयुक्त को लोगों का मददगार बताया।

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