Thursday, September 26, 2024




Homeछत्तीसगढ़रायपुर : बैंक सखी बनकर सशक्तिकरण और सेवा का अनूठा उदाहरण पेश...

रायपुर : बैंक सखी बनकर सशक्तिकरण और सेवा का अनूठा उदाहरण पेश करती महिलाएं ग्रामीणों तक पहुंचा रहीं बैकिंग सुविधाएं

  • बैंक सखी रीमा ने 20.83 करोड़ रुपए से अधिक राशि का किया ट्रांजेक्शन

रायपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं लोगों तक बैकिंग सुविधाएं पहुंचाने में बैंक सखी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहीं हैं। पहले छोटे-छोटे कार्यों के लिए लोगों को बैंक जाना पड़ता था, आज बैंक स्वयं उठकर उनके घर पहुंच रहे हैं। बैंक सखियां आज ग्रामीणों की सेवा का काम कर रहीं हैं, और साथ ही स्वयं भी आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। इनके द्वारा ग्रामों में वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, नरेगा मजदूरी भुगतान, स्व सहायता समूह की राशि का लेनदेन एवं अन्य बैंकिंग कार्य किए जाते हैं। इसके साथ ही बैंक खाते खोलने का भी कार्य ये महिलाएं कर रहीं हैं।

बैंक सखी रीमा ने 20.83 करोड़ रुपए से अधिक राशि का किया ट्रांजेक्शन
बैंक सखी रीमा ने 20.83 करोड़ रुपए से अधिक राशि का किया ट्रांजेक्शन

सरगुजा जिले के 7 जनपद पंचायतों में 87 बीसी सखी कार्यरत हैं, जिनके द्वारा ग्रामीणों के घर-घर तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रहीं है। सीतापुर के 06 ग्राम पंचायतों बनेया, हरदीसाढ़, बेलगांव, उलकिया, सुर, लीचिरमा में बैंक सखी का कार्य कर रहीं ग्राम पंचायत बनेया की रीमा गुप्ता ने विगत छः वर्षों में 20.83 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का लेनदेन किया है। जिससे 13 हजार से अधिक हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। रीमा बताती हैं कि मैंने स्नातक तक पढ़ाई की है। मेरे पिताजी ने खेती-बाड़ी करके हम 5 बहनों को शिक्षित किया। जब गांव में स्वसहायता समूह का गठन हुआ, तो मुझे भी उसमें सदस्य बनने की इच्छा हुई और मुझे समूह का सचिव बनाया गया। इसके बाद मैंने ग्राम संगठन में सहायिका, फिर संकुल में लेखापाल के रूप में कार्य किया। इसके बाद एनआरएलएम से जुड़े यंग प्रोफेशनल के द्वारा मुझे बैंक सखी के बारे में बताया गया, इस कार्य के लिए मुझे काफी उत्सुकता हुई। हमें प्रशिक्षण के लिए रायपुर भेजा गया, जिसके बाद आज मैं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की बीसी सखी बनकर कार्य कर रहीं हूं। बीसी सखी के रूप में कार्य करके मैं आर्थिक रूप से सशक्त तो हुई हूं, इसके साथ ही लोगों की सहायता करके मुझे सुकून भी मिलता है। उन्होंने बताया कि उनके पति खेती-बाड़ी करते हैं और साथ में घर में ही कराना दुकान संचालन से भी आय होती है। रीमा ने बताया कि उन्होंने कियोस्क के माध्यम से ग्रामीणों को खाता खोलने, पैसा जमा करने एवं निकासी, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति एवं सुरक्षा बीमा योजनाओं सहित अन्य का लाभ पहुँचाया है। उन्होंने कियोस्क के माध्यम से अब तक 406 ग्रामीणों के जनधन खाते खोले हैं। वहीं बीमा योजनाओं से भी हितग्राहियों को जोड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 585, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 295, अटल पेंशन योजना 299, एलआईसी 45 हुए हैं। रीमा ने बताया कि उन्हें बैंक सखी के रूप में प्रतिमाह 8 से 9 हजार रुपए तक की आय प्राप्त हो जाता हैै।

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -


Most Popular