कोरिया। शासकीय सेवा में रहने के दौरान ट्रांसफर का होना एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है पर ट्रांसफर को लेकर दिखाई देने वाली खुशी समझ से परे है। एक दिन पहले ही छतीसगढ़ में कई कलेक्टरों के ट्रांसफर किये गए जिसमें कोरिया कलेक्टर सत्यनारायण राठौर को भी मंत्रालय भेजा गया है। हाल ही में राठौर ने जिले में अपने कार्यकाल का एक साल पूरा किया है। उसके बाद से उनके ट्रांसफर की अटकलें लगाई जा रही थी। पर राजनीतिक गलियारों में कलेक्टर के ट्रांसफर को बैकुण्ठपुर की विधायक और छतीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
संसदीय सचिव और कलेक्टर की आपस में जम नहीं रही थी और कई अवसरों पर ये नाराजगी सामने आ रही थी। ऐसे में ये माना जा रहा है कि अम्बिका सिंहदेव के दवाब के बाद उन्हें यहां से हटाया गया है जबकि जिले के बाकी दोनो कांग्रेस विधायक उनको हटाने के पक्ष में नहीं थे। नाराजगी के बाद हटाये गए कलेक्टर सत्यनारायण राठौर का नाम ट्रांसफर सूची में आते ही जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के घड़ी चौक में पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार किया गया।
इस दौरान घड़ी चौक में संसदीय सचिव से जुड़े समर्थकों को भी देखा गया । ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कलेक्टर के ट्रांसफर पर इस तरह से सार्वजनिक खुशी का इजहार किया जाए । दवाब में कलेक्टर के बदले जाने को लेकर भी सोशल मीडिया में चर्चा चल रही है । अम्बिका सिंहदेव के कट्टर समर्थक कांग्रेस नेता आशीष डबरे ने ट्रांसफर को लेकर कहा कि कोरिया जिला विकास को लेकर पिछड़ रहा था । वहीं भाजपा नेता देवेंद्र तिवारी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि काम करने की बजाय विधायक ट्रांसफर करवाने में लगे हैं।
हालाकि विधायक अंबिका सिंहदेव ने राजनीतिक भावना बस तबादले की खबरों का खंडन किया है, उन्होंने कहा कि यह राज्य शासन का निर्णय है, पहले भी कलेक्टर के तबादले हुए हैं, और आगे भी होंगे। इस पर सोशल मीडिया में राजनीतिक बयानबाजी करना उचित नहीं है।