Thursday, April 25, 2024
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कोरबा : 10 लाख के सीसी रोड का किया गया गुणवत्ताहीन निर्माण…जनपद पंचायत पाली का मामला…

कोरबा (BCC NEWS 24)। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने और उसके लाभ से ग्रामीण जनता को लाभान्वित करने शासन द्वारा पंचायतों के माध्यम से लाखों-करोड़ों के विकास कार्य स्वीकृत किये जाते है लेकिन जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के कारण विकास के कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है और जनता को उसका सही लाभ नहीं मिल पाता। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत भण्डारखोल का सामने आया है जहां निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा सभी मानकता एवं निर्धारित मापदंड को दरकिनार कर अघोषित ठेकेदार के माध्यम से 10 लाख के सीसी रोड का गुणवत्ताहीन निर्माण कराया जिसमें अधिकारी- कर्मचारी ने भी अपनी परस्पर सहभागिता निभाई।


पाली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत भण्डारखोल के खैराबहार, अमलीपारा मोहल्ले में मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत 10 लाख के सीसी रोड का कार्य स्वीकृत हुआ था जिसका निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत था। यहां की सरपंच श्रीमती प्रतिमा पैकरा एवं सचिव मोतीलाल जगत द्वारा कमीशन लेकर कार्य को ठेके पर दे दिया गया जहां अघोषित ठेकेदार द्वारा शासन द्वारा जारी सभी निर्देशो एवं निर्माण संबंधी मापदंडों को दरकिनार कर घटिया निर्माण कराया गया और इसके लिए बकायदा जिम्मेदार आरईएस विभाग के अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिला। बीते माह मई- जून के मध्य कराए गए इस कार्य के निर्माण संबंधी बोर्ड भी नही लगाया गया एवं निर्माण में किनारे की मोटाई 3 इंच जबकि बीच मे महज एक से डेढ़ इंच कांक्रीटिंग का कार्य कराया गया जिसके कारण इसकी गुणवत्ता एवं मजबूती पर सवाल खड़ा हो गया है। इस कार्य के लिए आरईएस के उपअभियंता दिनेश कंवर नियुक्त थे तथा एसडीओ एम एस कंवर जो विगत 17- 18 वर्षों से एक ही स्थान पर अंगद के पांव की तरह जमे हुए ऐसे घटिया कार्यों के गुणवत्ता प्रमाणिकता करने में माहिर है जिनके देखरेख में उक्त निर्माण कार्य कराया गया और इनके द्वारा दी गई खुली छूट के कारण निहायत ही घटिया कार्य को खुलकर अंजाम दिया गया। इस प्रकार शासन द्वारा स्वीकृत जनता के पैसे का जमकर दुरुपयोग करते हुए स्वीकृत 10 लाख की राशि मे आधे से भी कम में कार्य कराया गया। बता दें कि पाली विकासखण्ड के अधिकतर पंचायतों में इस तरह के घटिया निर्माण कार्य जमकर कराए जा रहे है जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारी- कर्मचारी खुली छूट दे रखे है। उन्हें तो बस अपनी जेबें गरम करने से मतलब। इस तरह के भर्राशाही रोकने जिला प्रशासन तत्काल आवश्यक कदम उठाएं और उचित कार्यवाही करें ताकि कार्य का उद्देश्य पूरा हो सके एवं शासन द्वारा स्वीकृत राशि का सदुपयोग हो पाए।

सचिव ने कहा फसेंगे इंजीनियर, एसडीओ व ईई:– जब यहां के सचिव मोतीलाल जगत से मापदंड के विपरीत कराए गए उक्त कार्य के विषय पर बातचीत किया गया तब उन्होंने बड़े सहज भाव से कहा कि सब कमीशन लेकर कार्य करते है और यदि घटिया कार्य हुआ भी है तो उसका जिम्मेदार पंचायत नही बल्कि मूल्यांकन व सीसी जारी करने वाले अधिकारी- कर्मचारी है ऐसे में संबंधित इंजीनियर, एसडीओ व ईई जांच होने पर फसेंगे। सचिव द्वारा बोले गए यह कथन साफतौर पर भर्राशाही रवैये को उजागर करता है।

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