रायपुर: वन विभाग के छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज (सीजीएससीसीसी) एवं सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीईईडी) के संयुक्त तत्वावधान में 26 नवंबर को मयफेयर लेक रिसॉर्ट, अटल नगर, नवा रायपुर में ‘जलवायु अनुकूल छत्तीसगढ़’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना और समाधान के ठोस कदम सुझाना है।
हाल ही में छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज ने सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। सीईईडी ऊर्जा रूपांतरण, वायु गुणवत्ता सुधार, परिपत्र अर्थव्यवस्था और स्वच्छ जल पहुंच जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यरत एक प्रमुख संस्था है।
वन विभाग की पहलों को रेखांकित करते हुए, सीजीएससीसीसी के नोडल अधिकारी एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, श्री अरुण कुमार पांडे, आईएफएस, ने कहा, ष्प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने कई प्रभावशाली पहलें की हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। इनमें इको-रीस्टोरेशन नीति का ड्राफ्ट तैयार करना शामिल है, जिससे छत्तीसगढ़ ऐसा कदम उठाने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। इसके अलावा, इको-डेवलपमेंट बोर्ड की स्थापना का विचार प्रस्तुत करना और सतत वन प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन एवं संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार, संगोष्ठी और कार्यशालाओं का आयोजन करना भी इन पहलों का हिस्सा है।
वर्तमान कार्यशाला के बारे में बात करते हुए श्री अरुण कुमार पांडे ने कहा कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा क्षेत्र में देश का प्रमुख योगदानकर्ता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खतरों से अत्यधिक प्रभावित राज्य भी है। उन्होंने कहा, ष्वन विभाग लगातार जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने और नागरिकों व अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने की दिशा में प्रयासरत रहा है। निश्चित रूप से, यह कार्यशाला इन प्रयासों को नई दिशा देने और प्रभावी रणनीतियां विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगी।
इस कार्यशाला में आईआईएम रायपुर, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और कलिंगा विश्वविद्यालय के छात्र, शोधकर्ता और अकादमिक विशेषज्ञ, छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीजीसीओएसटी) के सदस्य और प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें जलवायु संवेदनशीलता, अनुकूलन के उपाय, अक्षय ऊर्जा, औद्योगिक कार्बन न्यूनीकरण, संवहनीय कृषि, सामुदायिक दृष्टिकोण और जलवायु प्रयासों के लिए वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के प्रति किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों और पहलों पर आधारित है। इनमें मार्च 2024 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा लॉन्च किया गया छत्तीसगढ़ जलवायु परिवर्तन कॉन्क्लेव, जलवायु-स्मार्ट कृषि के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजनाओं का कार्यान्वयन और स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने हेतु स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ (एसएपीसीसीएचएच) की शुरुआत शामिल है।
सभी संबंधित पक्षों की भागीदारी से यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ को एक सतत और जलवायु अनुकूल भविष्य की दिशा में मजबूती प्रदान करने का अवसर देगी और राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस और सक्रिय नीति एवं क्रियान्वयन प्रणाली का एक आदर्श प्रस्तुत करेगी।
(Bureau Chief, Korba)