Friday, November 14, 2025

              रायपुर : संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं में एक दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन

              • रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने शिविर आयोजित
              • स्वास्थ्य विभाग के कुल  47 अधिकारी /कर्मचारियों ने किया रक्तदान

              रायपुर: नया रायपुर स्थित स्वास्थ्य भवन में एक दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर के माध्यम से आमजन के बीच रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के साथ रक्तदान के प्रति समझ को विकसित करने का प्रयास किया गया । एक दिवसीय रक्तदान शिविर में आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला, मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री विजय दयाराम के., संचालक महामारी नियंत्रण डॉ सुरेन्द्र पामभोई, राज्य नोडल अधिकारी ब्लड सेल डॉ निधि गवालरे व समस्त विभागों के नोडल, उप संचालक व समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के स्वैच्छिक रक्तदाता के रूप में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया व कुल 47 यूनिट रक्त संग्रहित किये गए ।

              रक्तदान शिविर के आयोजन पर आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला ने स्वयं भी रक्तदान किया और रक्तदान के संबंध में जानकारी दी कि एक यूनिट रक्त से तीन व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। कई बार ऐसी स्थिति देखने में आती है, जिसमें खासतौर पर गर्भवती महिलाएं शामिल होती है, जिनके अंदर रक्त की कमी पाई जाती है तथा डिलीवरी के समय उन्हें रक्त की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे समय में आपके द्वारा दिया गया एक यूनिट रक्त बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से लोगों के शरीर में एक नई उर्जा का संचार होता है। रक्तदान के पश्चात 90 दिन के बाद लोगों के शरीर में फिर नया रक्त संग्रह हो जाता है। इसलिए लोगों को रक्तदान करने से कभी घबराना नहीं चाहिये और रक्तदान कर लोगों को जीवन दान देना चाहिए।

              रक्तदान किसी एक व्यक्ति की जान को तो बचाता ही है बल्कि साथ-साथ में कुछ व्यक्ति के जीवन से जुड़े अन्य परिवारजनों की आशाओं को भी जीवित रखता है, क्योंकि यह किसी भी रक्तदाता को पता नहीं होता कि उसके द्वारा दान किया गया रक्त कितने जरूरतमंद व्यक्ति को मिल रहा है। रक्तदान करने के कई स्वास्थ्यगत लाभ भी हैं। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी आपात स्थिति में रक्त की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आकर जरूरतमंदों की मदद की जानी चाहिए।


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