Thursday, January 23, 2025
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                  सऊदी अरब का अमेरिका में 52 लाख करोड़ निवेश का ऑफर, प्रिंस सलमान की ट्रम्प से बातचीत हुई, दोबारा राष्ट्रपति बनने पर बधाई भी दी

                  रियाद: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत कर उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बनने की बधाई दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद विदेशी नेताओं में सबसे पहले प्रिंस सलमान से बातचीत हुई।

                  क्राउन प्रिंस ने ट्रम्प से कहा कि सऊदी अरब, अमेरिका में अगले 4 साल में 600 बिलियन डॉलर (52 लाख करोड़) का निवेश करने को तैयार है। प्रिंस सलमान ने कहा कि अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो यह निवेश और बढ़ भी सकता है।

                  इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि वह फिर से पहला विदेशी दौरा सऊदी अरब का कर सकते हैं, लेकिन इसकी कीमत देनी होगी।

                  पहली बार विदेश दौरे पर सऊदी गए थे ट्रम्प

                  दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देश की यात्रा करने की परंपरा है। पहली बार ट्रम्प ने ही इस परंपरा को 2017 में तोड़ा था। ट्रम्प ने सोमवार को इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने पहले विदेशी दौरे के लिए सऊदी अरब को इसलिए चुना था, क्योंकि वहां से सैकड़ों अरब डॉलर की बिजनेस डील हुई थी।

                  तब सऊदी अरब 450 अरब डॉलर की कीमत के अमेरिकी सामान खरीदने पर राजी हुआ था, इसके बाद उन्होंने वहां का दौरा किया। मैं फिर से वहां का दौरा कर सकता हूं लेकिन इसके लिए उन्हें अमेरिकी सामान खरीदना होगा। अगर सऊदी 450 या फिर 500 अरब डॉलर की बिजनेस डील के लिए तैयार होता है, तो मैं फिर से वहां जाने के लिए तैयार हूं।

                  ट्रम्प की टिप्पणी के बाद सऊदी प्रिंस ने अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है। हालांकि इस बारे में साफ नहीं है कि ये निवेश और व्यापार किस तरीके से होंगे।

                  ट्रम्प के सऊदी अरब से अच्छे रिश्ते

                  ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों के साथ बेहतर रिश्ते कायम किए थे। ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद भी सऊदी अरब ने ट्रम्प के दामाद और पूर्व सहयोगी जेरेड कुशनर की एक फर्म में 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया था।

                  कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि जब जमाल खाशोज्जी की हत्या के बाद सऊदी अरब और अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ा तो कुशनर ने इसे संभालने में मदद की थी।

                  इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ता बेहतर करना चाहते हैं ट्रम्प

                  ट्रम्प ने पिछले कार्यकाल में सऊदी अरब और इजराइल के बीच रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की थी। ट्रम्प चाहते हैं कि सऊदी अरब, इजराइल को मान्यता दे। वहीं सऊदी अरब का कहना है कि पहले फिलिस्तीन अलग देश बने जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम हो और उनके बीच सीमा 1967 से पहले जैसी हो।

                  दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने उम्मीद जताई है कि सऊदी अरब अब्राहम एकॉर्ड को मानेगा। इस समझौते के तहत इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ते बेहतर होंगे और सऊदी अरब अमेरिका के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करेगा।

                  ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में इजराइल और कई इस्लामिक देशों के बीच रिश्ते बेहतर कराए थे। बहरीन, UAE, मोरक्को और सूडान ने ट्रम्प के दौर में ही इजराइल से संबंध कायम किए थे।




                            Muritram Kashyap
                            Muritram Kashyap
                            (Bureau Chief, Korba)
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