Tuesday, March 19, 2024
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छत्तीसगढ़- दंतेवाड़ा में सरेंडर माओवादियों का बन रहा आधार, राशन व वोटर कार्ड, बैंक में खुला खाता, SP बोले- अब मिलेगी इन्हें भी पहचान

दंतेवाड़ा: नक्सलियों के सरेंडर के बाद अब सरकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ने दंतेवाड़ा पुलिस ने मुहिम छेड़ दी है। पुलिस ने लोन वर्राटू पार्ट-2 अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत अब सरेंडर नक्सलियों को पहली बार उनके खुद की पहचान मिल रही है। इसका बीड़ा खुद दंतेवाड़ा पुलिस ने उठाया है। पुलिस अब सरेंडर नक्सलियों का सरकारी दस्तावेज बनवा रही है।

ऐसे हो रहा काम
दंतेवाड़ा पुलिस के समक्ष सरेंडर किए जो नक्सली अभी गांव में हैं उन्हें पुलिस बस भेजकर मुख्यालयों तक ला रही है। उनका आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसे सरकारी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं। अब तक 255 सरेंडर नक्सलियों के दस्तावेज बन चुके हैं। इसके अलावा बैंक में खाते खुलवाकर प्रोत्साहन राशि भी भेजी जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरेंडर के बाद पुलिस खुद नक्सलियों के सरकारी दस्तावेज बनवाने का काम कर रही है।

सरेंडर नक्सलियों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसे सरकारी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं।

सरेंडर नक्सलियों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसे सरकारी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं।

सालभर पहले शुरू हुआ था लोन वर्राटू अभियान
नक्सलियों को सरेंडर कराने दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान की शुरुआत की थी। पुलिस ने ग्राम पंचायतवार नक्सलियों की सूची जारी कर गांवों में चस्पा कराया था। इस अभियान के शुरू होने के बाद तब तक 99 इनामी सहित 375 नक्सलियों ने हथियार डाल सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कमांडर स्तर के भी है। वहीं इस अभियान की तारीफ सीएम भूपेश बघेल भी कर चुके हैं।

50 डीआरजी में शामिल हुए, बाकी गांव गए
लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर नक्सलियों के लिए पुलिस ने DRG टीम में शामिल होने के अलावा घर पर भी जाकर खुशहाल जीवन जीने का भी विकल्प रखा था। लोन वर्राटू अभियान के तहत करीब 50 सरेंडर नक्सली अभी DRG में शामिल होकर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही जो माओवादी गांव में रह रहे हैं उनका समूह बना कर खेती-किसानी करने के लिए ट्रैक्टर भी दिया गया है।

अभी ये काम भी होंगे

  • जो सरेंडर नक्सली घर पर हैं उनकी मनः स्थिति, सोच में बदलाव के बारे में जानकारी ली जाएगी।
  • ऐसे कितने हैं जो गांव में रहकर खेती- किसानी, मजदूरी या अन्य काम कर रहे।
  • ऐसे कितने हैं जो सरेंडर के बाद भी नक्सलियों के लिए फिर से काम कर रहे।
  • जो घर पर हैं सरकार की किन योजनाओं से जुड़े हैं।
  • सरपंचों व गांव के अन्य लोगों से भी फीडबैक लिया जाएगा। SP डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया अब तक 255 सरेंडर नक्सलियों के दस्तावेज बन चुके हैं। उन्हें शासन की योजनाओं से जोड़कर लाभ दिया जाएगा।

इन थाना क्षेत्रों से इतने नक्सलियों ने किया सरेंडर

  • कटेकल्याण- 95
  • कुआकोंडा- 57
  • किरंदुल- 85
  • बारसूर- 70
  • अरनपुर- 32
  • भांसी- 32
  • बचेली- 01
  • मालेवाही- 08
  • पड़ोसी ज़िले के- 68

पार्ट-2 अभियान में मिलेगा फायदा
SP डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि लोन वर्राटू पार्ट-2 अभियान की शुरुआत कर दी गई है। सभी सरेंडर नक्सलियों का फीडबैक लिया जा रहा है। उन्हें शासन की योजनाओं से जोड़कर लाभ दिया जाएगा। सरेंडर के बाद नक्सली अपने गांव में जाते हैं। उनका फॉलोअप नहीं लेने से या तो वे नक्सल संगठन के लिए दोबारा काम में जुट जाते हैं या फिर अन्य समस्याएं होती हैं।

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