Saturday, April 20, 2024
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7 लाख पेंशनर्स को राहत: छत्तीसगढ़ से जुड़ी 20 साल पुरानी ‘धारा 49’ हटेगी, पेंशनर्स का अटका एरियर मिलेगा

  • विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद खत्म हो जाएगा मसला
  • मप्र को हाल ही में छत्तीसगढ़ को देना पड़े 140 करोड़ रुपए

भोपाल: मप्र और छत्तीसगढ़ के सात लाख पेंशनर्स के महंगाई राहत (डीआर) जैसे मामले छह महीने से लेकर साल भर तक न अटकें, इसके लिए राज्य सरकार विलीनीकरण की धारा 49 खत्म करने जा रही है। इस बारे में वित्त विभाग के द्वारा कैबिनेट में मसौदा लाया जाना प्रस्तावित है।

कैबिनेट से प्रस्ताव का अनुमोदन होने के बाद इसे विधानसभा में लाया जाएगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी इसके संकेत दिए हैं। दरअसल, मप्र से छत्तीसगढ़ अलग हुए 20 साल हो चुके हैं, लेकिन उस दौरान राज्य पुनर्गठन की अनुशंसाओं के अनुसार बंटवारे के दौरान विलीनीकरण की धारा 49 बनाई गई थी, जिसके अनुसार दोनों राज्यों के पेंशनर्स के मामलों का निराकरण परस्पर सहमति से किया जाए। यह धारा 2000 के बाद से लगातार रिटायर होने वाले कर्मचारियों के मामले में आड़े आ रही है।

इसमें मूलत: पेंशनर्स को मिलने वाली महंगाई राहत की 80 फीसदी राशि मध्यप्रदेश और 20 फीसदी छत्तीसगढ़ देगा। इसके बाद ही मामले का निराकरण हो सकेगा। हाल ही में दोनों राज्यों के बीच कर्मचारी भविष्य निधि के मामलों में मध्यप्रदेश को 140 करोड़ रुपए का भुगतान छत्तीसगढ़ को करना पड़ा।

ऐसे अटके हैं मामले

  • बीस साल पहले वर्ष 2000 का पेंशनर का 32 महीने के एरियर का भुगतान अटका हुआ है। इस मामले में हाईकोर्ट भी इस भुगतान करने के बारे में आदेेश दे चुका है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है। प्रत्येक पेंशनर को 1.50 से 2 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है।
  • सातवें वेतनमान का 27 महीने का एरियर का भुगतान किया जाना है। इस मामले में भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। यह राशि प्रत्येक पेंशनर्स के खाते में 3 से 4 लाख रुपए के बीच आना है।
  • कर्मचारियों को यह दोनों भुगतान किए जा चुके हैं, जबकि पेंशनर्स के मामले में दोनों राज्यों में सहमति न बनने से इनका निराकरण नहीं हो सकेगा।
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