छत्तीसगढ़ में कोरोना ने किस तरह से तांडव मचाया था, उसे भूलना बहुत मुश्किल है। कोरोना संक्रमण और ऑक्सीजन की कमी के चलते ना जाने कितने लोगों के घर उजड़ गए हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। इस ओर कुछ लोग कदम भी बढ़ा रहे हैं। जिसमें छत्तीसगढ की चरामेति फाउंडेशन लोगों को उपहार स्वरूप केवल पेड़ ही दे रहा है। ताजा मामले में भी फाउंडेशन ने कोरोना काल में कोरबा में हुई अनूठी शादी में 2 वर-वधु को 51 पौधे दहेज में दिए हैं। जिसे लेकर बेटियां विदा भी हो गई हैं।
वहीं, इस पहल की भी लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। इस शादी में कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी शामिल हुए और उन्होंने कहा कि यह तो अनमोल उपहार है। संस्था उपहार में पेड़ देकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण की सीख दे रही है।
दरअसल, 01 जुलाई को फाउंडेशन के सदस्य हेमंत गणेश्वर और राजेश साहू की बहनें नीलिमा गणेश्वर और नीतू साहू का विवाह था। इसमें फाउंडेशन ने 51 पौधे बेटियों को दहेज में देकर विदा किया है। इस मौके पर कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी शामिल हुए और उन्होंने भी इस फाउंडेशन की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि फाउंडेशन बेहतरीन काम कर रही है। यह सबसे अनमोल उपहार देने का काम चरामेति फाउंडेशन कर रही। इस उपहार से ऑक्सीजन और फल लोगों को मिलता रहेगा।
2018 से हुई शुरुआत
फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि अब तक हमारी ओर से चलाए जा रहे वृक्ष सेवा विश्व सेवा अभियान के तहत आज 59 से अधिक विवाहों और कई कार्यक्रमों में हमने पेड़ ही गिफ्ट किया है। वहीं दहेज में पौधे देने की प्रथा की शुरुआत अप्रैल 2018 में संस्था के अध्यक्ष प्रशांत महतो की बहन मनीषा महतो के विवाह से शुरुआत हुई थी। इसके बाद अनेकों विवाह में कार्यकर्ताओं ने पौधे दहेज में दिए हैं।
बड़े पैमाने पर पौधा भी लगाएंगे
इस पूरी पहल को फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रशांत महतो एवं महासचिव राजेंद्र ओझा ने बताया कि गिफ्ट कुछ समय बाद खराब हो जाते हैं। लेकिन पेड़ से मिला ऑक्सीजन युगों तक ऑक्सीजन के रूप में अपना आशीर्वाद देती रहेगी। इसी सोच के साथ हम हर कार्यक्रम में भेंट स्वरूप पौधे ही देते हैं, इस वर्ष फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष की भांति इस बार भी बड़े पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे।