Wednesday, September 17, 2025

रामेश्वरम: प्रधानमंत्री मोदी ने एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया, 2.08 किमी लंबा है पम्बन ब्रिज, 5 मिनट में 22 मीटर ऊपर उठेगा

रामेश्वरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया। इसका नाम पम्बन ब्रिज है। ब्रिज 2.08 किमी लंबा है। इसकी नींव नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।

ब्रिज रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ही नवंबर, 2019 में इसकी नींव रखी थी। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है।

स्टील से बने नए ब्रिज पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो इसे जंग और समुद्र के नमकीन पानी से बचाएगी। पुराना पुल 2022 में जंग लगने की वजह से बंद कर दिया गया था। इसके बाद से रामेश्वम और मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी खत्म हो गई थी।

रामायण के अनुसार, रामसेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था। इस वजह से ये आस्था के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के विभिन्न रेल और सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन किया।

तस्वीर में पीछे की तरफ नया पम्बन ब्रिज है। यह वर्टिकली (ऊपर) उठा हुआ है। आगे की ओर पुराना पम्बन ब्रिज है।

तस्वीर में पीछे की तरफ नया पम्बन ब्रिज है। यह वर्टिकली (ऊपर) उठा हुआ है। आगे की ओर पुराना पम्बन ब्रिज है।

5 मिनट में ऊपर उठ जाता है ब्रिज

नया पम्बन ब्रिज 100 स्पैन यानी हिस्सों से मिलकर बनाया गया है। जब समुद्री जहाज को निकलना होता है तो इस नेविगेशन ब्रिज (समुद्री जहाजों के लिए खुलने वाले ब्रिज) का सेंटर स्पैन (बीच वाला हिस्सा) ऊपर उठ जाता है।

यह इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम पर काम करता है। इस वजह से इसका सेंटर स्पैन सिर्फ 5 मिनट में 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है। इसके लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होगी। वहीं, पुराना पुल कैंटिलीवर पुल था। इसे लीवर के जरिए मैन्युअली खोला जाता था, जिसमें 14 लोगों की जरूरत होती थी।

हालांकि समुद्री हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे या उससे ज्यादा हो जाने पर वर्टिकल सिस्टम काम नहीं करेगा और ऑटोमैटिक रेड सिग्नल हो जाएगा। हवा की गति सामान्य होने तक ट्रेन की आवाजाही बंद रहेगी। ऐसा अक्सर अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है। इन महीनों में तेज हवाएं चलती हैं।



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