Tuesday, July 1, 2025

सऊदी अरब का बड़ा फैसला, हज से पहले लगाई कड़ी पाबंदी, भारत-पाकिस्तान समेत 14 देशों का वीजा रोका, जानें क्या है कारण

रियाद: बिना रजिस्ट्रेशन हज में शामिल होने वालों को रोकने के लिए सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान समेत 14 देशों के वीजा पर रोक लगा दी है। यह रोक अस्थाई है। उमरा, बिजनेस और फैमिली विजिट के लिए मिलने वाले वीजा पर जून महीने के मध्य तक बैन रह सकता है।

सऊदी अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों के पास उमरा का वीजा है वे 13 अप्रैल तक सऊदी अरब पहुंच सकते हैं। इस साल हज यात्रा 4 जून से 9 जून तक रहेगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यात्रियों से नए नियमों का पालन करने को कहा गया है। अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो अगले पांच साल तक सऊदी अरब में उसकी एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है।

वीजा रद्द करने के फैसले की 3 वजहें

1. गैर-कानूनी रूप से हज करने वालों को रोकना: रिपोर्ट्स में कहा गया कि कई विदेशी नागरिक उमरा या विजिट वीजा पर सऊदी अरब आते हैं। वीजा खत्म होने के बाद भी वे गैर-कानूनी तौर पर सऊदी में रुके रहते हैं। इसके बाद वे बिना रजिस्ट्रेशन हज यात्रा में हिस्सा लेते हैं। इसी को रोकने के लिए सऊदी सरकार ने यह फैसला लिया है। बिना रजिस्ट्रेशन हज यात्रा करने से अधिकारियों को श्रद्धालुओं का अंदाजा नहीं लगता है। भीड़ अचानक बढ़ जाती है और गर्मी भी। भीड़ का नियंत्रण करने में भी अधिकारियों को दिक्कत आती है।

2. विदेशी सऊदी में गैर-कानूनी तौर पर काम कर रहे: अधिकारियों ने बताया कि अवैध कामकाज भी एक बड़ा कारण है। कुछ विदेशी नागरिक व्यापार या पारिवारिक वीजा का इस्तेमाल कर सऊदी अरब में गैर-कानूनी रूप से काम कर रहे थे, जिससे वीजा नियमों का उल्लंघन हो रहा था और मजदूरी बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा था।

3. 2024 में भीड़ बढ़ने से 1200 श्रद्धालुओं की मौत: 2024 में हज यात्रा 14 जून से 29 जून के दौरान रखी गई थी। हज यात्रा में बहुत ज्यादा तीर्थयात्रियों के आने से गर्मी का प्रभाव बढ़ गया था। इसके चलते कम से कम 1,200 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें 98 भारतीय भी शामिल थे।

2024 में हज यात्रा के दौरान भीड़ और गर्मी के चलते जान गंवाने वालों की तस्वीर।

2024 में हज यात्रा के दौरान भीड़ और गर्मी के चलते जान गंवाने वालों की तस्वीर।

भारत का हज कोटा 1.75 लाख श्रद्धालु

  • सऊदी अरब में हज के लिए एक कोटा प्रणाली लागू है, जिसके तहत हर देश के तय संख्या में हज यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाती है।
  • इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा है। इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया का नंबर है। ईरान, तुर्किये, मिस्र, इथियोपिया समेत कई देशों के श्रद्धालु आते हैं।
  • 2025 में किए गए हज एग्रीमेंट पर भारत और सऊदी ने दस्तखत किए। इसमें हज के लिए 1,75,025 श्रद्धालुओं का कोटा फाइनल हुआ। इसमें 70% हिस्सा केन्द्रीय हज कमेटी को और 30% प्राइवेट टूर एजेंट्स को दिया गया है।
  • भारत में 2025 के हज के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 13 अगस्त 2024 से 9 सितंबर 2024 तक किया गया।
  • पिछले साल हज यात्रा में शामिल होने 1,75,000 भारतीय मक्का पहुंचे थे। 98 श्रद्धालु भीड़ और गर्मी की वजह से मारे गए थे।

उमरा वीजा के लिए आखिरी तारीख 13 अप्रैल

सऊदी अधिकारियों ने कहा है कि 13 अप्रैल 2025 उमरा वीजा जारी करने की अंतिम तारीख होगी। इस तारीख के बाद, इन 14 देशों के नागरिकों को हज यात्रा पूरी होने तक नए वीजा नहीं दिए जाएंगे।

सऊदी बोला- फैसला हज से जुड़ा, राजनीतिक नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अधिकारियों को वीजा प्रक्रिया को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। सऊदी हज और उमरा मंत्रालय ने साफ किया है कि यह कदम किसी भी राजनयिक विवाद से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हज यात्रा को सुरक्षित और बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए लिया गया फैसला है।

हर साल बिना वीजा सऊदी पहुंचते हैं श्रद्धालु

हर साल हजारों यात्री ऐसे होते हैं, जिनके पास हज के लिए वीजा नहीं होता है। पैसों की कमी की वजह से इस तरह के यात्री गलत तरीकों से मक्का पहुंचते हैं। पिछले साल भी हज से पहले बिना रजिस्ट्रेशन वाले हजारों हज यात्रियों को मक्का से हटाया था।

सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। 2023 में हज पर गए 240 हज यात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे।

यह तस्वीर जून 2024 में हज के दौरान ली गई। श्रद्धालु धूप और गर्मी से बेहाल दिखाई दिए थे।

यह तस्वीर जून 2024 में हज के दौरान ली गई। श्रद्धालु धूप और गर्मी से बेहाल दिखाई दिए थे।

इस्लाम के पांच फर्ज में एक हज

इस्लाम धर्म में 5 फर्ज में से एक फर्ज हज है। मान्यताओं के मुताबिक, हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार इस फर्ज को पूरा करना होता है। साल 628 में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 शिष्यों के साथ एक यात्रा शुरू की थी।

ये इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर इब्राहिम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया। इसी को हज कहा जाता है। हज यात्री पहले सऊदी अरब के जेद्दाह शहर पहुंचते हैं। वहां से वो बस के जरिए मक्का शहर जाते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये ईद उल अजहा या बकरीद के साथ पूरी होती है।


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