Thursday, April 25, 2024
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केंद्रीय मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ से किसी को मौका नहीं..? अभी तक किसी के पास नहीं आया फोन…सरोज, अरूण, संतोष, विजय बघेल और सुनील सोनी के नाम की थी चर्चा…

रायपुर। केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व बढ़ने से छत्तीसगढ वंचित हो गया। नए मंत्रियों के शपथ में अब कुछ ही घंटे बच गए हैं, मगर किसी भी सांसद के पास फोन नहीं आए हैं। जबकि, ऐसा पता चला है कि जिन मंत्रियों को आज शाम शपथ दिलाया जाएगा, उन्हें कल रात फोन कर इत्तला कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ से बीजेपी के नौ सांसद हैं। दो राज्य सभा सदस्य भी। इनमें से सरोज पाण्डेय और संतोष पाण्डेय का नाम सवर्ण से और ओबीसी से अरुण साव और सुनील सोनी का नाम केंद्रीय मंत्री बनने खासे चर्चा में थे। ये सभी सांसद कई दिन से प्रयासरत भी थे। इनकी लॉबिंग भी तगड़ी हुई थी। बावजूद इसके अभी तक किसी के पास फोन आने की खबर नहीं है।

बहुप्रतीक्षित मोदी मंत्रिमंडल विस्तार आज़ शाम होने जा रहा है, इस विस्तार में जो शाम छ बजे होने जा रहा है, उसमें अपेक्षितों को जिनकी संख्या बीस के आस-पास बताई जा रही है उन्हे फ़ोन आ चुके हैं, लेकिन पंक्तियों के लिखे जाने तक छत्तीसगढ इस विस्तार में उपेक्षित ही रहा है। सूबे केकिसी सांसद के लिए इस समारोह में शामिल होने के लिए कोई फ़ोन नहीं आया है।

छत्तीसगढ़ के साथ उपेक्षितों वाला यह व्यवहार केंद्रीय स्तर पर याने दिल्ली स्तर पर अनवरत जारी है। एक अटलजी की सरकार में जरुर छत्तीसगढ के भाग्य जगे थे जब कि छत्तीसगढ़ से तीन-तीन नाम मंत्रिमंडल में शामिल थे। स्व. अटलजी ही ने आखि़रकार छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य के रुप में भारत के नक़्शे पर उकेरा था। अटल मंत्रिमंडल में तब पहले दिलीप सिंह जूदेव, रमेश बैस मंत्री थे। दिलीप सिंह के हटने पर फिर रमन सिंह को मौका मिला।

लेकिन फिर ऐसा संयोग दुबारा नही आया। यूपीए सरकार में डॉ चरणदास महंत बने लेकिन वो भी आखिरी समय में। उन्हें भी राज्य मंत्री का ही दर्जा मिला। मोदी सरकार में भी छत्तीसगढ़ के हिस्से राज्यमंत्री का दर्जा आया, मौजूदा समय में राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह का नाम शामिल है।

हालाँकि इस विस्तार को लेकर छत्तीसगढ़ के चुनिंदा सांसदों या कि उनके समर्थकों की ओर से दिखाए गए उत्साह को लेकर किसी वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी इस पत्रकार तक आई है, बेहद वरिष्ठ और दिग्गज नेता से सवाल हुआ –

“विस्तार में नाम क्यों नहीं, हल्ला तो बहुत था कुछ तो दिल्ली पहुँचे हुए हैं कि जाने कब फ़ोन आए..ऐसा क्यों”

चिर-परिचित मुस्कुराहट के साथ उस कद्दावर शख़्स ने कहा –

“दिल्ली पहुंचे हुए तो हैं…सुनो एक क़िस्सा ..क्रिकेट में बहुत पहले एक कमेंट्रेटर हुआ करते थे, ज़ब बॉलर या फिल्डर अपील किया करते थे आउट या कि एलबीडब्लू की.. तो उनकी एक टिप्पणी आती थी.. जिसमें ये शब्द होते थे – ‘उत्साह ज्यादा-विश्वास कम’..”

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