Saturday, April 20, 2024
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छत्तीसगढ़- बसों का महाबंद, मुसीबतें शुरू: 100 km के लिए 4 हजार रु. मांग रहे ऑटो वाले; इतने में तो फ्लाइट से दिल्ली जा सकते हैं… बस मालिक बोले किराया बढ़ने तक बस नहीं चलेंगी….

रायपुर से प्रदेश के हर कोने के लिए चलने वाली बस मंगलवार को नहीं चलीं। प्रदेश के कई हिस्सों से आए लोग इसी वजह से परेशान होते रहे। यात्री किराए में बढ़ाने की मांग को लेकर बस संचालकों ने छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के बसों का महाबंद कर दिया है। इस वजह से अब आम आदमी की मुसीबतें शुरू हो चुकी हैं। बस बंद होने की वजह से बहुत से लोगों को परेशानी हुई। 

रायपुर से महज 85 किमी दूर लवन के लिए ऑटोवालों ने 170 की बजाय 4 हजार रुपए मांगे।

रायपुर से महज 85 किमी दूर लवन के लिए ऑटोवालों ने 170 की बजाय 4 हजार रुपए मांगे।

ज्यादा किराया लेने के बाद बावजूद भी लोगों को ठूंस कर ले जाया जा रहा है।

ज्यादा किराया लेने के बाद बावजूद भी लोगों को ठूंस कर ले जाया जा रहा है।

लोकेश्वर बता रहे थे कि बस से जब जाते थे तो 170 रुपए का किराया लगता था। अब मजबूरी में ऑटो वालों से कह रहा हूं कि 1200 रुपए तक ले लो मगर कोई जाने को राजी नहीं है, बड़ी परेशानी हो रही है। आस-पास की कई छोटी जगहों का किराया भी ऑटो वाले बढ़ा कर लोगों से वसूल रहे हैं। लोगों को ये रवैया पसंद तो नहीं आ रहा मगर घर या अपने काम से जाने की मजबूरी में इस अवैध वसूली को झेल रहे हैं।

कई लोगों ने वापस लौटने में भी भलाई समझी।

कई लोगों ने वापस लौटने में भी भलाई समझी।

वापस लौटने को मजबूर
बस स्टैंड पर आए बहुत से लोगों ने अपने परिजनों को कॉल किया, जो उन्हें बस स्टैंड पर सुबह छोड़कर गए थे। लोग इस आस में आए थे कि उन्हें कोई न कोई बस मिल जाएगी मगर एक भी गाड़ी न मिलने की सूरत में वो वापस लौटने को मजबूर दिखे। बहुत से लोग ऐसे थे जो इस बात से वाकिफ ही नहीं थे कि बसों हड़ताल होने जा रही है। कई महिलाएं भी छोटे बच्चों के साथ बस स्टैंड में सिर पर बैग लादे इधर से उधर भटकती दिखीं। ऑटो वालों से सिटिंग कैपेसिटी से ज्यादा लोगों को अपनी गाड़ी में बिठा रखा था।

घर जाने का कोई तो जरिया मिले इस आस में यात्री।

घर जाने का कोई तो जरिया मिले इस आस में यात्री।

महेंद्रा और कांकेर ट्रैवल्स की बसें चल रहीं, बाकियों की जारी रहेगी हड़ताल
हड़ताल कब तक चलेगी इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली बताया कि ये हड़ताल चलती रहेगी। इस बंद को महेंद्र और कांकेर ट्रैव्ल्स ने अपना समर्थन नहीं दिया इनके दफ्तरों में बुकिंग ली जा रही थी। इस पर अनवर ने कहा कि ये बसें लोगों की एमरजेंसी को ध्यान में रखकर चलाई जा रही हैं। पिछले कई दिनों से संघ किराया बढ़ाने के लिए मांग कर रहा था। दो सप्ताह से महासंघ के पदाधिकारी इस मुद्दे पर प्रशासन और सरकार के मंत्रियों से मुलाकात कर रहे थे, लेकिन सरकार राजी नहीं है। इसलिए मंगलवार से बस सेवा बंद कर दी गई हैं।

हड़ताड़ के बीच सिर्फ कुछ बसें चलीं। महेंद्रा ट्रैवल्स ने बंद को समर्थन नहीं दिया।

इस वजह से हालात बने
2018 में 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला डीजल अब 2021 में लगभग 97 रुपए प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है। छत्तीसगढ़ में यात्री किराया नहीं बढ़ने की वजह से बस संचालकों को नुकसान हो रहा है। बीते दो सालों में लॉकडाउन और कोरोना के असर की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी है। पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश में सरकार ने यात्री किराया बढ़ाने पर मंजूरी दी, जिससे वहां के बस ऑपरेटरों को थोड़ी ही सही राहत मिली है।

कई बसें बस स्टैंड में खड़ी नजर आईं।

कई बसें बस स्टैंड में खड़ी नजर आईं।

पूरे प्रदेश की बात की जाए तो रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, जांजगीर, भाटापारा, दुर्ग राजनांदगांव के लिए ट्रेन हैं, मगर इन जिलों के आसपास बसें ही पहुंचती हैं। राज्य में कुल 12 हजार बसें, 9 हजार बस संचालक हैं। 2500 बसें लोन की किश्त जमा न हो पाने की वजह से जब्त हैं। कोरोना की वजह से आई आर्थिक मंदी ने भी बस व्यवसाय की कमर तोड़ी है। 300 बस संचालक इस काम को बंद कर चुके हैं। रोज सिर्फ रायपुर से ही 5 लाख लोग प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सफर करते हैं। जो अब परेशान हैं।

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