Friday, March 29, 2024
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सरगुजा की 4 विधानसभा सीटों पर नया विवाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राज्यपाल से मिलकर कहा- आदिवासी बहुल इलाके की सीटों को गलत परिसीमन कर किया गया सामान्य, इसमें स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का क्षेत्र भी…

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरविंद नेताम की अगुवाई में सर्व आदिवासी समाज का सोहन पोटाई धड़ा राज्यपाल से मिला।

रायपुर/ छत्तीसगढ़ की राजनीति में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का नया विवाद खड़ा हो गया है। सर्व आदिवासी समाज के एक धड़े ने रविवार को राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात कर सरगुजा क्षेत्र की चार विधानसभा सीटों के गलत परिसीमन होने की शिकायत की। उनका आरोप है कि गलत परिसीमन की वजह से आदिवासियों की बहुलता के बावजूद यह सीटें सामान्य रह गई हैं। इन चार सीटों में स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव की सीट भी शामिल है।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने की मांग
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरविंद नेताम की अगुवाई में सर्व आदिवासी समाज के सोहन पोटाई धड़े ने राज्यपाल से मुलाकात की। सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने बताया कि ​​​​​​अम्बिकापुर, प्रेमनगर, भटगांव और मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है। ये चारों सीटों आदिवासियों के लिए ही आरक्षित होनी चाहिए। आदिवासी समाज का यह रुख अम्बिकापुर विधानसभा सीट से पारंपरिक रूप से चुने जा रहे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को असहज कर सकता है।

सरगुजा की 14 में से 5 सीटें सामान्य
सरगुजा संभाग आदिवासी बहुल है। यहां विधानसभा की 14 सीटों में से 5 सामान्य हैं। इनमें मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव और अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इन सभी सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। आदिवासी समाज ने जिस एक सीट बैकुंठपुर को छोड़ा है, वहां से अभी अम्बिका सिंहदेव विधायक हैं।

आदिवासियों की जमीन पर बाहरियों के कब्जे की भी शिकायत
आदिवासी नेताओं ने राज्यपाल से सरगुजा के आदिवासियों की जमीन पर बाहरी व्यक्तियों के अवैध कब्जे की शिकायत की है। उनका कहना कि राजस्व अधिकारियों से मिलकर वे लोग गुप्त तरीकों से जमीनों को अपने नाम करा रहे हैं। शिकायत है कि ऐसे लोग खदान क्षेत्रों में फर्जी आदिवासी बनकर मुआवजा ले रहे हैं। नौकरी में भी लग गए हैं।

आदिवासी महिलाओं से शादी कर संपत्ति खरीदने का आरोप
आदिवासी नेताओं ने कहा कि सरगुजा क्षेत्र में तमाम बाहरी लोग आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनके नाम से आदिवासियों की संपत्ति खरीद रहे हैं। राजनीतिक लाभ भी ले रहे हैंं। ग्राम सभा की सहमति के बिना गांव में गिट्‌टी क्रशर चलाया जा रहा है। विरोध करने पर मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं।

प्रताड़ना के आरोप भी लगाए
आदिवासी समाज ने प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। कहा गया कि स्थानीय थानों में उनकी शिकायतों की सुनवाई नहीं होती। क्षेत्रीय प्रशासन भी इसके प्रति संवेदनशील नहीं है। आदिवासी नेताओं ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

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