Thursday, April 25, 2024
Homeबिलासपुरसवालों में KTU के 3 प्रोफेसरों की योग्यता: पत्रकारिता विवि में नियुक्ति...

सवालों में KTU के 3 प्रोफेसरों की योग्यता: पत्रकारिता विवि में नियुक्ति को चुनौती, 2 स्टेनोग्राफर को भी पद से हटाने की मांग; RTI से मिली सूचना पर हाईकोर्ट में याचिका…

रायपुर निवासी राहुल गिरी गोस्वामी ने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से क्यू वारंटो याचिका दायर की है।

बिलासपुर/रायपुर/ छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (KTU) में 3 प्रोफेसरों और 2 स्टेनाग्राफर की योग्यता सवालों के घेरे में आ गई है। सभी की पद से हटाने की मांग की गई है। इसे लेकर हाईकोर्ट में गुरुवार को एक याचिका दायर की गई। इसमें RTI (सूचना के अधिकार) के तहत मांगी गई जानकारी के आधार पर नियुक्ति को गलत बताया गया है। मामले की सुनवाई होनी अभी बाकी है।

रायपुर निवासी राहुल गिरी गोस्वामी ने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से क्यू वारंटो याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि KTU में 2008 से 2012 के हुई नियुक्तियां गलत हैं। फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर दो स्टेनोग्राफर अविनाश खांडेकर और चंद्रशेखर शिवहरे की नियुक्ति दी गई। दोनों मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि तहसीलदार ने RTI के तहत बताया है कि ऐसा कोई प्रकरण चला ही नहीं है।

विश्वविद्यालय में प्राध्यापक पंकज नयन पांडेय, आशुतोष मंडावी और नरेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ लोक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर याचिका दायर की गई है।

विश्वविद्यालय में प्राध्यापक पंकज नयन पांडेय, आशुतोष मंडावी और नरेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ लोक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर याचिका दायर की गई है।

लोक आयोग ने गलत बताया, फिर भी प्रोफेसर नियुक्त
विश्वविद्यालय में प्राध्यापक पंकज नयन पांडेय, आशुतोष मंडावी और नरेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ लोक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर याचिका दायर की गई है। रिपोर्ट में तीनों को शैक्षणिक योग्यता के बिना नौकरी पाना बताया है। कहा है कि विज्ञापन में आयु 35 साल मांगी थी, जबकि आवेदन में उन्होंने आयु 36 साल लिखी है। आयोग ने इसे गलत ठहराया है। यह भी पाया गया है कि बिना इंटरव्यू, दस्तावेज की जांच नहीं कर और गैर अनुभवी को नियुक्ति दी गई।

क्या है क्यू वारंटो याचिका
सार्वजनिक पद पर हुई गलत नियुक्ति की जानकारी किसी भी समय होने पर क्यू वारंटो याचिका 226 दायर की जा सकती है। इसमें पद पर गलत नियुक्ति पाए व्यक्ति को हटाने की मांग की जा सकती है। इसी के आधार पर याचिकाकर्ता ने जानकारी निकालकर याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular