Tuesday, April 23, 2024
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CG में सड़क हादसों में 2773 मौतें: 6 महीने में 5376 लोग हुए घायल, अकेले जून में ही 455 ने तोड़ा दम, 29 प्रतिशत बढ़ गए मौत के आंकड़े; सबसे ज्यादा बाइक चलाने वालों ने गंवाई जान….

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पिछले 6 महीन में 6032 सड़क दुर्घटना मेंं 2773 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इतने ही हादसे में 5376 लोग घायल हुए हैं। लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सड़क दुर्घटना से मृत्यु मामले में 29.45 प्रतिशत एवं घायलों की संख्या में 4.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अकेले जून महीने में ही इस बार 943 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 455 लोगों ने दम तोड़ दिया और 867 व्यक्ति घायल हुए। ये आंकड़े भी जून 2020 के आंकड़ों से ज्यादा हैं। इस साल सिर्फ जून महीने में सड़क दुर्घटना से मौत के मामले में 17 प्रतिशत एवं घायलों के मामले में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं प्रदेश में दो पहिया चलाने वालों ने इन 6 महीनों के दौरान सबसे ज्यादा जान गंवाई है।

तेज रफ्तार से गाड़ी भगाना पड़ रहा महंगा

दरअसल, नवा रायपुर PHQ में शनिवार को पिछले 6 महीने में हुई सड़क दुर्घटनाओं और यातायात नियमों के उल्लंघन की समीक्षा की गई। इस समीक्षा के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के.विज और AIG ट्रैफिक संजय शर्मा मौजूद रहे। समीक्षा के दौरान ये पाया गया की प्रदेश में तेजी एवं लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं यह भी बताया गया है कि प्रदेश में नेशनल हाईवे में 752 मामलों में 845 व्यक्तियों, स्टेट हाईवे में 499 प्रकरणों में 547 एवं अन्य मार्ग में 1303 प्रकरणों में 1363 लोगों की जान गई है।

विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के.विज और AIG ट्रैफिक ने पिछले 6 महीनों के सड़के हादसे की समीक्षा की है।

विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के.विज और AIG ट्रैफिक ने पिछले 6 महीनों के सड़के हादसे की समीक्षा की है।

इन कारणों से हो रहे हादसे

समीक्षा में यह भी पाया गया कि ज्यादातर सड़क हादसे खराब सड़कें होना, गलत पार्किंग, ओव्हर लोड़िंग, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, नशे में वाहन चलाना, लापरवाही से गाड़ी चलाना, हिट एंड रन, वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना, सड़क में मवेशी और गाड़ी में लाइट की कमी होने के कारण हुए हैं।

बाइक चलाने वाले 69.43 प्रतिशत लोगों की जान गई

राज्य में इन्हीं 6 महीनों के दौरान सबसे ज्यादा मौतें 1056, दो पहिया चलाने वालों की हुई हैं। कार से 286, आटो एवं हल्के सवारी वाहनों से 37, हल्के मालवाहक वाहन से 100 और हल्के मध्यम मालवाहक से 44 लोगों की जान गई। टैक्टर से 206, ट्रक से 454, बस से 36 और हिट एंड रन से 528 ने दम तोड़ दिया है। इस प्रकार इन्हीं आंकड़ों की बात यदि प्रतिशत में की जाए तो सबसे ज्यादा मौतें बाइक से 69.43 प्रतिशत, 12.81 प्रतिशत पैदल यात्री, 5.11 प्रतिशत कार सवार तथा 4.17 प्रतिशत ट्रैक्टर सवारों की मृत्यु हुई है।

इन जिलों में बढ़ गए मौत के आंकड़े

महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मुंगेली, जांजगीर चांपा, रायगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, कांकेर, कोण्डागांव ,सुकमा, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में पिछले साल की तुलना में सड़क दुर्घटना मृत्युदर में अत्यधिक मृत्यु हुई है। प्रदेश में पिछले 6 महीने में मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन के कुल 2,02,050 मामले दर्ज किए गए। जिसमें से 5,74,50,950 रुपए समन शुल्क वसूले गए हैं।

दोपहर 3 से रात 9 बजे के बीच हो रहे हादसे

पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्रवाई रायपुर में (30005), दुर्ग(25862), बिलासपुर(17205), सूरजपुर (14640), सरगुजा (10690), कोरबा(8652) में की गई है। इस समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आई है कि दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच प्रदेश में सबसे ज्यादा (46.36%) सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसके बाद आर.के.विज.ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।

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