अमृतसर: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने कनाडा पहुंचे, जहां उनके आने पर दो तरह की तस्वीरें नजर आईं। एक तरफ खालिस्तान समर्थन रखने वाले लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया।
उन्होंने नीले और पीले खालिस्तानी झंडे लहराकर “भारत को टुकड़ों में बांटो” जैसे नारे लगाए। उनके पोस्टरों पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो हथकड़ी पहने और जेल की सलाखों के पीछे दिखाई गई थी।
दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भारतीय समर्थनकर्ता भी उनके समर्थन में सड़कों पर निकल आए। खालिस्तानियों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर लगाया है। उनके विरोध प्रदर्शन प्रधानमंत्री मोदी की वापसी तक चलते रहने की संभावना है।

भारत विरोधी नारे लगाते हुए खालिस्तान समर्थक।
भारत एक बड़ा उपभोक्ता बाजार
एक भारतीय समर्थक ने कहा कि कनाडा के पास देने को बहुत कुछ है और भारत एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है। इस रिश्ते को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर रखना चाहिए। भारतीय समर्थकों का कहना है कि कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ये जानते हैं, तभी उन्होंने खालिस्तानी लॉबी के कड़े विरोध के बावजूद पीएम मोदी को आमंत्रित किया है।

भारत के समर्थन में उतरे भारतीय।
10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की पहली यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 सम्मेलन (16‑17 जून, 2025) में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के कैलगरी/कनानास्किस, अल्बर्टा पहुंचे हैं। यह उनकी दस वर्षों में पहली कनाडा यात्रा है। पीएम मोदी को कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जिससे भारत-कनाडा के तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों में संभावित पुन:स्थापना की उम्मीद जग रही है। जी-7 सम्मेलन में यह उनकी लगातार छठी उपस्थिति है। उन्हें 2019 से हर बार जी7 में बुलाया गया है।
मोदी आज दो सत्रों में भाग लेंगे। एक ‘आउटरीच सेशन’ है और दूसरे सत्र में वह कई द्विपक्षीय बैठकों में अन्य विश्व नेताओं से संवाद करेंगे। उनकी चर्चा का एक प्रमुख फोकस ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी सहयोग (जैसे AI, क्वांटम कंप्यूटिंग) और वैश्विक आर्थिक सहयोग पर रहेगी।

(Bureau Chief, Korba)