Friday, June 27, 2025

अहमदाबाद विमान हादसा: क्रैश हुए प्लेन के ब्लैक बॉक्स का डेटा रिकवर हुआ, मेमोरी मॉड्यूल का एक्सेस भी मिल गया, अब हादसे के कारणों का जल्द पता चलेगा

गुजरात: अहमदाबाद में 12 जून को क्रैश हुए एअर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स के डेटा को रिकवर कर लिया गया है। सरकारी बयान में गुरुवार को बताया गया कि डेटा डाउनलोड हो गया है। मेमोरी मॉड्यूल का एक्सेस भी मिल गया है।

अब जांच एजेंसी ब्लैक बॉक्स से रिकवर हुए डेटा का विश्लेषण (एनालिसिस) करेगी। इससे हादसे के कारणों का पता चलेगा। इससे पहले 24 जून को नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने बताया था कि ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए विदेश नहीं भेजा जा रहा। इसकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रहा है।

केंद्र सरकार के अनुसार, क्रैश प्लेन से दो ब्लैक बॉक्स (CVR और DFDR) सेट मिले हैं। इनमें हादसे के समय पायलटों की बातचीत और विमान की तकनीकी जानकारी का रिकॉर्ड मिलेगा। पहला सेट 13 जून को और दूसरा 16 जून को बरामद किया गया।

अहमदाबाद में 12 जून को लंदन जाने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। इसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री की जान बच गई थी। वहीं, इस घटना में कुल 270 लोग मारे गए थे।

फ्लाइट नंबर AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।

फ्लाइट नंबर AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।

अब जानिए ब्लैक बॉक्स क्या होता है, यह क्यों जरूरी है?

ब्लैक बॉक्स प्लेन में लगा एक छोटा उपकरण होता है। यह फ्लाइट के दौरान एयरक्राफ्ट की तकनीकी और वॉइस संबंधी जानकारियां रिकॉर्ड करता है। ब्लैक बॉक्स दो मुख्य रिकॉर्डर से मिलकर बना होता है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) पायलटों की बातचीत रिकॉर्ड करता है। वहीं, फ्लाइट डाटा रिकवर (FDR) विमान की तकनीकी जानकारी जैसे स्पीड, अल्टीट्यूड, इंजन परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करता है।

‘ब्लैक बॉक्स’ नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।

ब्लैक बॉक्स से संबंधित 6 जरूरी सवाल-जवाब

  1. इसे ब्लैक बॉक्स क्यों कहते हैं?
  2. “ब्लैक बॉक्स” नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। एक मान्यता है कि पहले इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।
  3. ब्लैक बॉक्स दिखता कैसा है? ब्लैक बॉक्स असल में ओरेंज रंग का होता है और बॉक्स जैसा नहीं दिखता। यह अलग-अलग आकार का हो सकता है—जैसे गोल, बेलनाकार या गुंबद जैसा। इसका आकार इतना बड़ा होता है कि प्लेन के मलबे में आसानी से मिल सके।
  4. ब्लैक बॉक्स को हादसे के बाद कैसे खोजते हैं? अगर विमान पानी में गिरता है तो ब्लैक बॉक्स का अंडरवाटर बीकन पानी छूते ही सिग्नल भेजना शुरू कर देता है। अगर हादसा जमीन पर होता है तो इसका चमकीला नारंगी रंग इसे ढूंढने में मदद करता है।
  5. कैसे बचाता है डेटा? ब्लैक बॉक्स को विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से, आमतौर पर टेल सेक्शन में रखा जाता है। यह टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बना होता है। 1100 डिग्री सेल्सियस तापमान व समुद्र की गहराई में दबाव को झेल सकता है। पानी में गिरने पर यह 14,000 फीट गहराई तक से सिग्नल भेज सकता है।
  6. ब्लैक बॉक्स मिलने में समय लग सकता है? कुछ हादसों में ब्लैक बॉक्स ढूंढने में बहुत समय लगता है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि नहीं मिले। उदाहरण: – श्रीविजया एयर जेट (9 जनवरी 2021): करीब 3 दिन में मिल गया। – एयर फ्रांस 447 (1 जून 2009): 699 दिन बाद मिला। – मलेशिया एयरलाइंस 370 (8 मार्च 2014): अब तक नहीं मिला।
  7. भारत में जांच कहां होती है? दिल्ली में हाल ही में DFDR & CVR लैब की शुरुआत हुई है, जहां ब्लैक बॉक्स से डाटा निकाला और एनालिसिस किया जा सकता है। यहीं पर इस ब्लैक बॉक्स की जांच भी की जाएगी।

अहमदाबाद प्लेन हादसा- 251 DNA मैच, 245 शव सौंपे गए

अहमदाबाद प्लेन हादसा में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की डीएनए से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। यह जानकारी 22 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने दी।

उन्होंने बताया कि 6 शव ऐसे परिवारों के हैं, जो ब्रिटेन के निवासी हैं। ये शव जल्द ही उनके परिवारों को सौंपे जाएंगे।

12 जून को हुआ था हादसा, प्लेन सवार 241 की मौत हुई

12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 (787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर) उड़ान के कुछ देर बाद ही क्रैश हुई थी। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज ऐंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था।

इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोग (229 यात्री (एक जीवित) और 10 केबिन क्रू, 2 पायलट), हॉस्टल बिल्डिंग और बाकी 34 लोगों को मिलाकर 275 की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, कुल मौत का अंतिम आंकड़ा सभी DNA टेस्ट होने के बाद साफ होगा।


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