Saturday, April 27, 2024
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छत्तीसगढ़ में हाथी पर राजनीति: गांवों में घुसने से रोकने हाथियों को सड़ा धान खिलाएगी सरकार; भाजपा बोली- वो सूंघेंगे तक नहीं, लत लग गई तो बढ़ेगी मुसीबत…

रायपुर/ छत्तीसगढ़ में सरकार अब हाथियों को बस्तियों और गांवों में आने से रोकने के लिए जंगल में ही सड़ा धान खिलाने की तैयारी में है। इसे लेकर अब सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने शनिवार को रायपुर में कहा कि हाथी सड़ा धान सूंघेंगे भी नहीं और अगर खा भी लिया तो उन्हें लत लगेगी। इससे फसलों को वो नुकसान पहुंचाएंगे। उन्होंने पूछा, हाथी पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, सभी जगह सरकार धान बिछा देगी क्या?

रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेताओं ने बताया कि सरगुजा में पिछले कुछ दिनों से पार्टी नेताओं की टीम ने लोगों से मुलाकात कर रही है। हाल के दिनों में मैनपाट इलाके में 9 लोगों की मौत हाथियों की हमले में हुई है। भाजपा नेताओं ने सभी मृतकों के परिवारों से मुलाकात की है। पार्टी ने दावा किया है कि जिन इलाकों में हाथी आते हैं। वहां मौजूदा कांग्रेस सरकार कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं कर रही। इससे आम आदमी परेशान है।

सड़े धान का ये है कॉन्सेप्ट

दरअसल, हाथियों को सड़ा धान खिलाने के कॉन्सेप्ट पर प्रयोग हो रहे हैं। अगर ये तय हो जाता है तो वन विभाग मार्कफेड से अंकुरित व बचा हुआ धान खरीदेगा। जंगल या बस्ती के बाहर ही धान उपलब्ध होने पर हाथी बस्ती में नहीं जाएंगे। साथ ही, संग्रहण केंद्रों में जमा 85 हजार टन धान को भी खपाया जा सकेगा। इस धान को मिलर 700 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर मांग रहे हैं, जबकि वन विभाग को 2095.82 रुपए में दिया जाएगा।

मार्कफेड ने दिया धान खरीदी का ऑफर

करीब चार दशक से 300 से ज्यादा हाथियों का 9 जिलों में आतंक है। भोजन की तलाश में हाथी रायपुर के करीब मंदिर हसौद और महासमुंद शहर तक पहुंच चुके हैं। वन विभाग इसके लिए जल्द ही मार्कफेड से सड़ा गला धान लेकर खेतों में रखेगा। मार्कफेड के एमडी ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को एक पत्र भेजकर धान खरीदी का ऑफर भी दिया है।

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