Wednesday, April 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़: मंत्रियों की बैठक में फैसला- इस बार 92 लाख टन से...

छत्तीसगढ़: मंत्रियों की बैठक में फैसला- इस बार 92 लाख टन से ज्यादा धान की खरीदी, 25 करोड़ बारदानों की जरूरत; केंद्र ने अभी दी 1.77 लाख गठान बारदानों की सहमति….

राज्य सरकार इस खरीफ सीजन में किसानों से 92 लाख टन से ज्यादा धान खरीदेगी। इसके लिए 5.25 लाख गठान बारदानों की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने 1.77 लाख गठान बारदानों की सहमति अभी से दे दी है। खरीफ सीजन में होने वाली धान खरीदी, कस्टम मिलिंग और बारदानों की उपलब्धता के संबंध में मंगलवार को खाद्यमंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंत्रि मंडलीय उपसमिति की बैठक आयोजित की गई। बताया गया है कि पिछले साल की तुलना में इस साल 92 लाख टन से ज्यादा धान खरीदा जाएगा।

नियमत: धान का उठाव खरीदी के 72 घंटे बाद कर लिया जाएगा। इस साल इसके लिए अभी से प्लान तैयार किया जा रहा है ताकि धान खरीदी शुरू होते ही उठाव का काम भी प्रारंभ हो जाए। सोसायटियों में धान कम खराब हो इसलिए बचे हुए सोसायटियों में चबूतरे का निर्माण भी कराया जाएगा।

बैठक में सहकारी समितियों को सशक्त करते हुए हर संभव मदद देने पर भी विचार किया गया। धान उपार्जन केन्द्र में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों के मानदेय पर भी विचार किया गया। बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल थे।

पिछले साल 95 फीसदी किसानों ने बेचा धान
पिछले खरीफ सीजन 2020-21 में कुल 21 लाख 52 हजार 475 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने धान बेचा था। यानी पंजीकृत किसानों में से रिकॉर्ड 95.38 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के कारण उम्मीद जताई जा रही है कि पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा किसान धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराएंगे।
केंद्र से मांगे दो लाख गठान बारदाने
राज्य सरकार ने केंद्र से दो लाख गठान बारदानों की मांग की है। इसके एवज में केंद्र ने अभी से 1.77 लाख गठान बारदाने देने की सहमति दे दी है। बारदानों की संभावित कमी को देखते हुए पिछले साल की तरह इस साल भी पीडीएस और मिलरों से बारदानों की मांग की जाएगी। चावल जमा करने के लिए कुल 2.83 लाख बारदानों की जरूरत पड़ेगी।

वहीं 2.42 लाख पुराने बारदानों का उपयोग भी चावल जमा करने के लिए किया जाएगा। पीडीएस से 58 हजार बारदानों की व्यवस्था की जाएगी जबकि मिलरों द्वारा 1.39 लाख बारदानों की आपूर्ति की जाएगी। पिछले साल खरीदे गए 92 लाख टन में से 41 हजार टन से अधिक धान की नीलामी शेष है। इसके लिए हाल ही में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में 74 हज़ार 85 क्विंटल मोटे धान और 12 हजार 989 क्विंटल पतले धान की नीलामी की गई थी।

वहीं शेष 47 हजार 994 टन मोटे धान के लिये 1350 रुपए या उससे अधिक एवं 9445 क्विंटल पतले धान के लिये 1400 रुपए या उससे अधिक की दर पर नीलाम किए जाएंगे। साथ ही 11 हजार 789 क्विंटल पतले धान के लिये 1350 रुपए का दर निर्धारित किया गया है।

केंद्र समय पर उपलब्ध कराए बारदाने: भगत

  • बैठक में धान खरीदी और इससे संबंधित विषयों पर चर्चा की गई है। बारदानों की आवश्यकता के साथ ही कस्टम मिलिंग आैर सोसायटियों की मजबूती पर भी बात की गई है। केंद्र ने हमें आगामी सीजन के लिए 1.77 लाख गठान बारदाने देने की सहमति दे दी है। इसे केंद्र सरकार धान खरीदी शुरू होने के पहले भेज दे क्योंकि पिछली बार भी सहमति के बाद बारदाने उपलब्ध नहीं कराए गए थे। – अमरजीत भगत, खाद्यमंत्री
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular