मुंबई: सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने LIC में ऑफर-फॉर-सेल (OFS) को मंजूरी दे दी है, जिसे जल्द ही बाजार में लाया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार के अनुसार सरकार LIC की 6.5% हिस्सेदारी बेच सकती है।
ऑफर फॉर सेल (OFS) यानी कंपनी के मौजूदा शेयरधारक (जैसे कि प्रमोटर, निवेशक या अन्य बड़े शेयरधारक) अपने पास मौजूद कंपनी के शेयरों को बेचने के लिए जनता को पेश करेंगे। इसका मतलब यह है कि कंपनी पैसा जुटाने के लिए नए शेयर जारी नहीं कर रही, बल्कि पहले से मौजूद शेयर बेचे जा रहे हैं।
LIC की बाजार में 96.5% हिस्सेदारी
LIC में सरकार की 96.5% हिस्सेदारी है, और 2022 में 3.5% हिस्सा बेचा गया था। अब सरकार 2-3% और हिस्सा बेचने की योजना बना रही है, जिससे करीब 9,500 से 14,500 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं। यह कदम 2025-26 में सरकारी कंपनियों के शेयर बेचकर पैसा जुटाने की योजना का हिस्सा है।
मई 2022 में आया था LIC का IPO
इससे पहले सरकार ने IPO के जरिए LIC में अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर 20,557 करोड़ रुपए जुटाए थे। तक सरकार ने कंपनी के 22.14 करोड़ शेयर बेचकर ये रकम जुटाई थी। बीते एक साल में LIC के शेयर में 12% की गिरावट देखने को मिली है।

1956 में 245 कंपनियों के मर्जर से बनी एलआईसी
19 जून 1956 को संसद में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एक्ट पारित हुआ। तब तक भारत में 154 लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, 16 विदेशी कंपनी और 75 प्रोविडेंट फंड कंपनी थीं। 1 सितंबर 1956 को सरकार ने सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर एक नई कंपनी बनाई। कंपनी का नाम रखा गया LIC यानी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया। तब सरकार ने 5 करोड़ रुपए इस कंपनी के लिए जारी किए थे।

(Bureau Chief, Korba)