बीजिंग: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया।
दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर ने कहा,
भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं।
जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है।
उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है।

जयशंकर ने चीन को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन भी दिया।
पांच साल बाद चीन की यात्रा पहुंचे जयशंकर
जयशंकर की पांच साल में यह पहली चीन यात्रा है। वे सिंगापुर दौरे के बाद बीजिंग पहुंचे हैं। जयशंकर 15 जुलाई को तियानजिन में होने वाली SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।

जयशंकर ने सोमवार को SCO महासचिव नूरलान येरमेकबाये से मुलाकात की।
इस दौरान उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात तय है। इससे पहले फरवरी में जोहान्सबर्ग में G20 की बैठक के दौरान जयशंकर और वांग यी की मुलाकात हुई थी। जहां दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने की बात कही थी।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प में दोनों पक्षों के जवान मारे गए थे। इसके दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद से इस साल तक भारत के किसी शीर्ष नेता ने चीन का दौरा नहीं किया था।
पिछले महीने राजनाथ सिंह ने SCO की मीटिंग में हिस्सा लिया
पिछले महीने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे।
इस दौरान राजनाथ ने SCO के जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने इनकार कर दिया था। क्योंकि उसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शामिल नहीं किया गया था, जबकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई आतंकी घटना का जिक्र था। भारत ने इससे नाराजगी जाहिर की।
राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, ‘कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति मानते हैं। वे आतंकवादियों को पनाह देते हैं। फिर इसे इनकार करते हैं। ऐसे डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपिसेंटर सेफ नहीं हैं।

SCO में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों की ग्रुप फोटो में राजनाथ सिंह भी शामिल हुए।
SCO क्या है
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी। बाद में भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान भी सदस्य बन गया।
SCO का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है। संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाता है।

(Bureau Chief, Korba)




