Thursday, August 21, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति बोले– भारत पर टैरिफ लगा, शायद तब पुतिन मीटिंग को माने, हर चीज का असर होता है; अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि हो सकता है भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के कारण रूसी राष्ट्रपति पुतिन उनसे मिलने को तैयार हुए हों।

फॉक्स न्यूज रेडियो के साथ बातचीत में ट्रम्प ने कहा- हर चीज का कुछ न कुछ असर होता है। भारी टैरिफ की वजह से भारत ने रूस से तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया।

ट्रम्प ने आगे कहा कि जब आप अपने दूसरे सबसे बड़े ग्राहक को खो देते हैं और शायद पहला सबसे बड़ा ग्राहक भी खोने वाला हों, तो मुझे लगता है कि इसका असर पड़ता है।

भारत, रूस से हर दिन 17.8 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदता है, जो चीन के बाद सबसे ज्यादा है। ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है।

ट्रम्प बोले- पुतिन के साथ मीटिंग फेल होने के 25% चांस

ट्रम्प ने इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा कि अलास्का में शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ होने वाली उनकी बैठक के असफल होने की संभावना सिर्फ 25% है। फॉक्स न्यूज रेडियो से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि यह बैठक असल में दूसरी बैठक की तैयारी है।

उनके मुताबिक, यूक्रेन पर रूस के हमले को खत्म करने का कोई समझौता इस बैठक में नहीं होगा, बल्कि वह समझौता एक दूसरी बैठक में होगा जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी मौजूद होंगे।

ट्रम्प ने इससे एक दिन पहले पुतिन को चेतावनी दी थी कि अगर वो बातचीत के बाद भी जंग खत्म करने पर राजी नहीं होते हैं तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

ट्रम्प और पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं। इसका मकसद यूक्रेन में साढ़े तीन साल से चल रही जंग को खत्म करना है। दोनों नेता पहली बार अमेरिका की जमीन पर मिलेंगे।

जेलेंस्की ने जंग खत्म करने के बदले जमीन देने से इनकार किया

ट्रम्प ने बुधवार को ही यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी। इस मीटिंग में ट्रम्प ने कहा कि जंग को खत्म करने के लिए दोनों पक्षों को जमीन की अदला-बदली करनी पड़ सकती है।

इस पर यूरोपीय नेताओं ने ट्रम्प को समझाने की कोशिश की कि 15 अगस्त को उनकी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ होने वाली मुलाकात में ऐसा कोई समझौता न हो, जिससे यूक्रेन को नुकसान पहुंचे।

जेलेंस्की ने बैठक के दौरान कहा कि पुतिन धोखा दे रहे हैं। वो यह दिखावा कर रहे हैं कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा हैं और ये कारगर नहीं हैं।

इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनबास क्षेत्र की जमीन रूस को सौंपने के सवाल पर जेलेंस्की ने साफ कहा कि वे अपनी जमीन नहीं छोड़ रहे हैं। पहले युद्धविराम होना चाहिए और फिर सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए।

जेलेंस्की बोले- मेरी पोजिशन नहीं बदलेगी

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की जमीन के बारे में कोई भी फैसला बिना यूक्रेन की सहमति के नहीं हो सकता। मेरी पोजिशन नहीं बदलेगी। एक दिन पहले भी उन्होंने कहा था कि उनके पास अपनी देश की जमीन छोड़ने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने आगे कहा- पहले युद्धविराम होना चाहिए, फिर मजबूत सुरक्षा गारंटी दी जानी चाहिए। रूस को यूक्रेन के यूरोप या नाटो में शामिल होने की संभावनाओं पर वीटो लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

जेलेंस्की ने यह भी कहा कि पुतिन शांति नहीं चाहते, वे यूक्रेन पर कब्जा करना चाहते हैं। पुतिन किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते।

दरअसल, यूरोप और यूक्रेन को डर है कि ट्रम्प और पुतिन के बीच कोई ऐसा समझौता हो सकता है, जिससे रूस को यूक्रेन का करीब पांचवां हिस्सा मिल सकता है। इस बैठक में फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, पोलैंड, यूरोपीय यूनियन (EU) के नेता और नाटो महासचिव मार्क रूट भी मौजूद थे।

ट्रम्प बोले- यह बाइडेन का युद्ध है

यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक के बाद ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वे पुतिन को यूक्रेन में नागरिकों पर हमले रोकने के लिए मना सकते हैं, तो उन्होंने कहा- शायद नहीं, क्योंकि मैंने पहले भी यह बात की है।

ट्रम्प ने आगे कहा कि मैं इस युद्ध को खत्म करना चाहता हूं। यह बाइडेन का युद्ध है, लेकिन मैं इसे खत्म करने पर गर्व महसूस करूंगा, जैसे मैंने पिछले छह महीनों में पांच युद्ध खत्म किए।”

ट्रम्प ने यह भी चेतावनी दी कि अगर पुतिन जंग रोकने पर सहमत नहीं होते, तो रूस को खतरनाक अंजाम भुगतने होंगे।

ट्रम्प अब तक 4 बार रूसी राष्ट्रपति से बात कर चुके

  • 12 फरवरी, 2025: ट्रम्प और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की।
  • 18 मार्च, 2025: दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्धविराम और शांति पर बात की।
  • 19 मई, 2025: दो घंटे से अधिक की बातचीत में यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
  • 4 जून, 2025: यूक्रेन और ईरान के मुद्दे पर दोनों नेताओं में 1 घंटे बातचीत हुई।


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