नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को नामांकन भरा। रेड्डी ने चार सेट में नामांकन दाखिल किया। खड़गे समेत 20 नेता प्रस्तावक बने।
नामांकन के समय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, NCP (SP) प्रमुख शरद पवार सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे।
रेड्डी ने नामांकन दाखिल करने से पहले संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा।
नामांकन दाखिल करने के बाद बी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि यह चुनाव केवल एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है, बल्कि भारत के उस विचार से जुड़ा है जहां संसद ईमानदारी से काम करती है, असहमति का सम्मान किया जाता है और संस्थाएं स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ लोगों की सेवा करती हैं।
रेड्डी ने आगे कहा कि अगर वे चुने जाते हैं, तो उपराष्ट्रपति पद को निष्पक्षता, गरिमा, संवाद और शिष्टाचार के साथ निभाएंगे।
बी सुदर्शन रेड्डी के नामांकन की तस्वीर…
बी सुदर्शन रेड्डी के नामांकन के वक्त राहुल, सोनिया, खड़गे और शरद पवार समेत विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद रहे।
रेड्डी का मुकाबला NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से
रेड्डी का मुकाबला NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से है। खास बात है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण से हैं। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन करेंगे। उन्होंने बुधवार को नॉमिनेशन भर दिया है। PM नरेंद्र मोदी पहले प्रस्तावक बने।
79 साल के रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। 2007 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी। उसी दिन काउंटिंग भी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है।
दरअसल, उपराष्ट्रपति का चुनाव जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई की रात अचानक इस्तीफा देने की वजह से हो रहा है। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
20 अगस्त: NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन ने नॉमिनेशन भरा

सीपी राधाकृष्णन का पर्चा PM नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी को सौंपा।
NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया। PM नरेंद्र मोदी पहले प्रस्तावक बने। नामांकन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता मौजूद थे। नॉमिनेशन से पहले राधाकृष्णन ने संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए।
17 अगस्त को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया था।
NDA के उम्मीदवार का जीतना तय
लोकसभा में कुल सांसदों की संख्या 542 है। एक सीट खाली है। एनडीए के 293 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में 245 सांसद हैं। 5 सीट खाली हैं। एनडीए के पास 129 सांसद हैं। यह मानते हुए कि उपराष्ट्रपति के लिए नामांकित सदस्य भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे।
इस तरह, सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। बहुमत के लिए 391 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। अगस्त 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे। वहीं विपक्षी उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे। तब 56 सांसदों ने वोट नहीं डाला था।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को समझें

6 स्टेप में चुना जाता है उपराष्ट्रपति, ऐसे समझें
- उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए सबसे पहले निर्वाचक मंडल लिस्ट बनती है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य (सांसद) शामिल होते हैं। राज्यसभा में 233 निर्वाचित सांसद और 12 नामांकित सांसद हैं। लोकसभा में 543 सांसद हैं। यानी कुल सांसदों की संख्या 788 है। मौजूदा समय में राज्यसभा में 5 और लोकसभा में एक सीट खाली है। इसलिए निर्वाचक मंडल में यह संख्या 782 होगी। इस तरह उपराष्ट्रपति चुनाव जीत में 391 सांसदों (50%) के समर्थन की जरूरत होगी।
- चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी होते ही नामांकन शुरू हो जाता है। इसकी आखिरी तारीख 21 अगस्त है। 25 अगस्त को कैंडिडेट नामांकन वापस ले सकता है।
- उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों की तरफ से प्रस्तावित होना जरूरी है। इसके अलावा 20 सांसदों का समर्थन भी चाहिए।
- चुनाव में केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं।
- हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3…) टिक करता है। वोटिंग तभी होती है, जब एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में होते हैं। अन्यथा एक उम्मीदवार होने पर प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत जाता है।
- मतदान के बाद ही रिजल्ट आ जाता है। उसकी वजह यह है कि दोनों सदनों के 782 सदस्य मतदान करते हैं। इनकी गणना कुछ घंटों में हो जाती है। जीत के लिए कुल वैध मतों का बहुमत यानी 50% से अधिक प्राप्त करना होता है। इसके बाद नतीजे घोषित किए जाते हैं। इस बार 9 सितंबर को सुबह 10 से 5 बजे के बीच वोटिंग होगी।

(Bureau Chief, Korba)