- 28 जिलों में 1.33 लाख आदि कर्मयोगी घर-घर संपर्क कर दिलाएंगे योजनाओं का लाभ
- गांवों में स्थापित होंगे आदि सेवा केंद्र आदि कर्मयोगियों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण
रायपुर: छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय के लिए संचालित केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनजातीय परिवारों तक पहुंचानें के लिए आदिकर्मयोगी अभियान संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आदि कर्मयोगी अभियान को 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 के मध्य जोर-शोर के साथ सेवा पर्व के रूप में संचालित करने का आह्वान किया है।

छत्तीसगढ़ में आजादी के अमृतकाल में वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्प को पूरा करने में सबकी सहभागिता से यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के लिए राज्य के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में 1 लाख 33 हजार वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। आदिकर्मयोगी अभियान में विभिन्न विभागों के समन्वय से जनजातीय परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी देंगे।
आदिकर्मयोगी अभियान अंतर्गत जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ हैं, उनकी पहचान की जाएगी। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। आदिकर्मयोगी अभियान संचालित करने के लिए राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर टेªनर्स के द्वितीय चरण के चार दिवसीय प्रशिक्षण का पूर्ण कर लिया गया है। इसके बाद विकासखण्डों और गांवों में चिन्हांकित आदिकर्मयोगी को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिकर्मयोगी अभियान के संबंध में 6 अगस्त को आयोजित बैठक में इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को जमीनी स्तर क्रियान्वित करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री श्री उइके ने आदिकर्मयोगीयों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए जनजातीय संस्कृति और परंपरा को कायम रखते हुए इन वर्गों के कल्याण के लिए हम सबको पावन और पवित्र भाव से कार्य करने पर जोर दिया।
आदिम जाति, विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना में जनजातीय वर्गों के विकास में भागीदारी बनने की जरूरत है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि आदि कर्मयोगी जनजातियों से सहज-सरल एवं उनकी ही भाषा व बोलचाल में मित्रवत जुड़ाव आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य पूरा होगा।
प्रमुख सचिव आदिम जाति विकास श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि इस अभियान के तहत ग्रामों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित होंगे। ये केंद्र न केवल मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहायक होंगे, बल्कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सतत क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। समापन समारोह में मास्टर ट्रेनर्स सहित बस्तर और सरगुजा संभाग के आदि कर्मयोगी उपस्थित थे।

(Bureau Chief, Korba)