बीजिंग: सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों के बीच 50 मिनट बातचीत हुई।
बातचीत के बाद मोदी ने जिनपिंग को भारत में आयोजित ब्रिक्स 2026 में आने के लिए न्योता दिया।
इससे पहले उन्होंने जिनपिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी ने इसे वैश्विक मुद्दा बताया और साथ देने की मांग की।
वहीं, मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि PM मोदी से मिलकर खुशी हुई। ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए।
समिट के बाद मोदी आधिकारिक स्वागत समारोह में पहुंचे। यहां उन्होंने नेपाल के पीएम के.पी. ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू समेत कई नेताओं से मुलाकात की।
गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा
मोदी शनिवार शाम 2 दिन के जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे थे। जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है।
मोदी आज तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बार चीन में इतिहास की सबसे बड़ी SCO समिट का आयोजन हो रहा है।
इसमें 20 से ज्यादा देश शामिल हो रहे हैं। मोदी और पुतिन के साथ-साथ सेंट्रल एशिया, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और साउथ-ईस्ट एशिया के नेता भी इस समिट में शामिल होंगे।
पीएम मोदी सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे।
SCO समिट से जुड़ी 6 तस्वीरें…

चीनी डेलीगेशन के साथ मीटिंग के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल। PM मोदी के साथ अजीत डोभाल (बाएं) भी हैं।

मोदी और जिनपिंग ने द्विपक्षीय बैठक से पहले हाथ मिलाए।

पीएम मोदी ने नेपाल के पीएम के.पी. ओली से मुलाकात की।

मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से बातचीत की।

व्लादिमिर पुतिन SCO समिट के लिए रविवार सुबह चीन पहुंचे।

तियानजिन में मीजियांग कन्वेंशन एंड एक्जिबिशन सेंटर के पास सुरक्षा में तैनात एक बख्तरबंद गाड़ी और पुलिसकर्मी। यहीं पर SCO समिट का आयोजन हो रहा है।

(Bureau Chief, Korba)