Monday, September 15, 2025

कोरबा: अंतिम संस्कार के वक्त जिंदा लौटा बेटा…’भूत-भूत’ चिल्लाकर भागे लोग, ससुराल गया युवक 4 दिनों से लापता था, नदी में मिली लाश को परिजनों ने अपना बेटा समझा

कोरबा: जिले में अंतिम संस्कार के समय युवक जिंदा लौट आया। दरअसल, ससुराल गया बेटा 4 दिनों से लापता था। इसी दौरान पुलिस को डंगनिया नदी में एक युवक की लाश मिली। परिजनों ने टैटू और कपड़ों के आधार उसकी पहचान अपने लापता बेटे के रूप में की। परिजन शव को घर लेकर आए।

उन्होंने अंतिम संस्कार की तैयारी तक कर ली थी, तभी बेटा दरवाजा खोलकर घर के अंदर घुसा। जिसे देख लोग भूत-भूत कहकर भागने लगे। बाद में पता चला कि परिजन किसी दूसरे युवक का शव घर ले आए थे। मामला बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र का है।

पहले देखिए ये तस्वीरें-

डंगनिया नदी में अज्ञात युवक का शव मिला, जिसे परिजनों ने अपना बेटा मान लिया था।

डंगनिया नदी में अज्ञात युवक का शव मिला, जिसे परिजनों ने अपना बेटा मान लिया था।

युवक के घर लौटने के बाद पुलिस अब मृतक की पहचान का पता लगाने में जुटी है।

युवक के घर लौटने के बाद पुलिस अब मृतक की पहचान का पता लगाने में जुटी है।

दर्री थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक, गेवरा बस्ती में रहने वाला हरिओम वैष्णव (27) 5 सितंबर को अपने ससुराल दर्री आया था। पत्नी को मायके में छोड़कर वह अपने घर के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और दर्री थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बीच सोमवार की दोपहर डंगनिया नदी में एक अज्ञात शव मिला।

टैटू-कपड़ों से परिजनों ने की पहचान

पानी में लंबे समय तक रहने के कारण शव की पहचान करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि, कद-काठी, रंग-रूप, जिंस और हाथ पर बने ‘आर’ अक्षर वाले टैटू के आधार पर परिजनों ने शव को हरिओम का मान लिया। पुलिस ने पंचनामा कर शव परिजनों को सौंप दिया। घर में शव आते ही मातम छा गया, महिलाएं-बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे।

ये हरिओम है, जो लापता था। जिसे परिजनों ने मृत समझ लिया था।

ये हरिओम है, जो लापता था। जिसे परिजनों ने मृत समझ लिया था।

युवक को जिंदा देख इधर-उधर भागे लोग

रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार के लिए सूचना दी गई। मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी थी। इसी बीच हरिओम वैष्णव जिंदा घर पहुंच गया। जिसे मृत मानकर परिजन रो रहे थे, जब वह सामने आया तो बस्ती में अफरा-तफरी मच गई।

कई लोग “भूत-भूत” चिल्लाकर इधर-उधर भागने लगे। बाद में जब सबको यकीन हुआ कि हरिओम जिंदा है, तब जाकर माहौल शांत हुआ। युवक ने बताया कि पारिवारिक विवाद के कारण वह बिना किसी को कुछ बताए दूसरे शहर चला गया था।

मृतक की पहचान करने में जुटी पुलिस

दर्री सीएसपी विमल कुमार पाठक ने बताया कि नदी से मिली लाश को पहले हरिओम का शव मानकर कार्रवाई की गई थी, लेकिन उसके जीवित लौट आने के बाद स्पष्ट हुआ कि शव किसी और व्यक्ति का है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।



                                    Hot this week

                                    Related Articles

                                    Popular Categories