नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ECI) ने शुक्रवार को 474 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त पॉलिटिकल पार्टियों को डीलिस्ट कर दिया है। इन पार्टियों ने पिछले छह साल से कोई चुनाव नहीं लड़ा था।
इस कार्रवाई के बाद पिछले दो महीने में अब तक 808 पार्टियों को लिस्ट से बाहर किया जा चुका है। आयोग ने बताया कि इससे पहले 9 अगस्त को भी 334 पार्टियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए थे।
इसके अलावा आयोग ने 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 359 पार्टियों को भी चिन्हित किया है। इन पार्टियों ने तीन साल (2021-22, 2022-23 और 2023-24) से अपने ऑडिटेड अकाउंट्स और चुनावी खर्च की रिपोर्ट जमा नहीं की।
ये पार्टियां चुनाव में उतरी थीं, लेकिन जरूरी रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं की, जिसकी वजह से अब उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
EC ने कहा- पार्टियों को पक्ष रखने का मौका मिलेगा
चुनाव आयोग ने कहा है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को इन पार्टियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। पार्टियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा और सुनवाई के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
गुजरात के 10 गुमनाम दलों ने तीन चुनाव में सिर्फ 43 प्रत्याशी उतारे, ₹4300 करोड़ चंदा
26 अगस्त को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में रजिस्टर्ड 10 गुमनाम से राजनीतिक दलों को 2019-20 से 2023-24 के पांच साल में ₹4300 करोड़ चंदा मिला। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान गुजरात में हुए तीन चुनावों (2019, 2024 के दो लोकसभा और 2022 का विधानसभा) में इन दलों ने महज 43 प्रत्याशी उतारे और इन्हें कुल 54,069 वोट मिले।
इन दलों और इनके प्रत्याशियों की निर्वाचन आयोग में जमा रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। इन्होंने चुनाव रिपोर्ट में खर्च महज ₹39.02 लाख बताया, जबकि ऑडिट रिपोर्ट में ₹3500 करोड़ रुपए खर्च दर्शाया है।
गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की आय 223% बढ़ी
देश में नाममात्र के वोट पाने वाली रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (RUPP) की आय 2022-23 में 223% बढ़ गई। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2764 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां हैं। इनमें से 73% से ज्यादा (2025) ने अपना फाइनेंशियल रिकॉर्ड सार्वजनिक ही नहीं किया है। बाकी 739 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों ने अपना रिकॉर्ड साझा किया है। रिपोर्ट में इन्हीं पार्टियों का एनालिसिस किया गया है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि गुजरात की ऐसी 5 पार्टियों की कुल आय ₹2316 करोड़ रही। इनमें एक साल की आमदनी ₹1158 करोड़ थी। जबकि बीते 5 सालों में हुए 3 चुनावों में इन्हें सिर्फ 22 हजार वोट मिले।

(Bureau Chief, Korba)