वॉशिंगटन डीसी: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को UN महासभा (UNGA) को संबोधित किया। उन्होंने ग्लोबल लीडर्स से कहा कि पुतिन को अभी रोकना बाद में बंदरगाहों और जहाजों को समुद्री ड्रोन हमलों से बचाने के मुकाबले सस्ता रास्ता है।
जेलेंस्की ने कहा कि रूसी हमले की वजह से यूक्रेन को अंडरग्राउंड स्कूल और अस्पताल बनाने पड़े हैं। उन्होंने ग्लोबल लीडर्स से सवाल किया- रूस ने हमें इस हालात में डाला है, लेकिन क्या आप ऐसे खतरों से सुरक्षित हैं?
जेलेंस्की ने कहा- हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा
जेलेंस्की ने कहा कि अगर कोई देश शांति चाहता है, तो उसे हथियारों पर काम करना होगा। यह दुखद है, लेकिन यही हकीकत है। न तो अंतरराष्ट्रीय कानून और न ही सहयोग, बल्कि हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा।
उन्होंने UN सुरक्षा परिषद पर भी नाराजगी जताई। रूस इसका परमानेंट मेंबर है और उसके पास वीटो का अधिकार है। जेलेंस्की ने कहा- अंतरराष्ट्रीय कानून पूरी तरह काम नहीं करता, जब तक आपके पास ताकतवर दोस्त न हों जो आपके लिए डटकर खड़े रहें।
जेलेंस्की बोले- हर देश को अपनी रक्षा का अधिकार
जेलेंस्की ने कहा कि अगर यूक्रेन को दोस्तों और ज्यादा मजबूत सुरक्षा मिले, तो यह दिखाएगा कि अपने देश की रक्षा करना सभी का अधिकार है। सिर्फ कुछ चुनिंदा देश ही इसके हकदार नहीं हैं।
रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों से उन्होंने कहा- युद्ध बहुत लोगों पर असर डाल रहा है। अब आप तय करें कि शांति में मदद करेंगे या रूस के साथ व्यापार करके युद्ध बढ़ाएंगे।
जेलेंस्की ने अपील की- रूस के युद्ध को बढ़ाने न दें। चुप न रहें, इसका विरोध करें। अंतरराष्ट्रीय नियमों और शांति की रक्षा में हमारा साथ दें। लोग एक्शन का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को मंगलवार की बातचीत के लिए धन्यवाद भी दिया।

जेलेंस्की बुधवार को UN में अपना भाषण पढ़ते हुए।
AI से लैस हथियारों की दौड़ सबसे खतरनाक
जेलेंस्की ने कहा कि अगर सही सुरक्षा गारंटी नहीं होगी, तो क्या दुनिया में कोई जगह सुरक्षित बचेगी? उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस हथियारों की दौड़ को मानव इतिहास में सबसे खतरनाक बताया।
जेलेंस्की ने मोल्दोवा, जॉर्जिया और बेलारूस का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस का प्रभाव बढ़ रहा है और मोल्दोवा को बचाना जरूरी है।
उन्होंने फिलिस्तीन, सोमालिया और सूडान जैसे देशों का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय संगठन युद्ध को पूरी तरह रोक नहीं पा रहा।
नाटो में होने का मतलब पूरी तरह सुरक्षा नहीं
जेलेंस्की ने ड्रोन के बढ़ते खतरे पर कहा कि हाल में कोपेनहेगन एयरपोर्ट ड्रोन की वजह से बंद हुआ। युद्ध की तकनीक अब देशों की सीमाओं की परवाह नहीं करतीं हैं।
जापोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी कब्जे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन कमजोर हैं। नाटो में होने का मतलब यह नहीं कि आप पूरी तरह सुरक्षित हैं।

(Bureau Chief, Korba)