Thursday, April 18, 2024
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छत्तीसगढ़: चंदूलाल मेडिकल कॉलेज मामले में सरकार ने बताया- NMC को लिखा पत्र, सीट बढ़ाने की भी मांग; हाईकोर्ट ने 23 तक मांगा जवाब…

दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को सरकार ने राहत दी है। हाईकोर्ट में शनिवार को सरकार की ओर से बताया गया है कि विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उन्हें दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए उन्होंने NMC (नेशनल मेडिकल कमीशन) को पत्र लिखा है। साथ ही दूसरे मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ाए जाने की भी मांग की है। अब हाईकोर्ट ने NMC से 23 सितंबर तक जवाब मांगा है।

दरअसल, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता 2018 में ही रद्द हो चुकी है। MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम को निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के लिए जरूरी बुनियादी मापदंडों में बहुत कमियां मिली थीं। इसके चलते कॉलेज के 2017 बैच में दाखिला लिए हुए विद्यार्थियों के सामने भविष्य पर संकट खड़ा हो गया। इस पर छात्र-छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। करीब 2 साल चली लंबी सुनवाई के बाद सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह स्टूडेंट्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कॉलेज का अधिग्रहण करने को तैयार है।

14 दिनों पहले पूरी हुई अधिग्रहण प्रक्रिया

राज्य सरकार ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण की प्रक्रिया आज से 14 दिन पहले पूरी कर ली है। मानसून सत्र में पारित अधिग्रहण अधिनियम को शुक्रवार को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया। इसके बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अब पूरी तरह से सरकारी मेडिकल कॉलेज हो गया। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार ने किसी निजी शिक्षा संस्थान का अधिग्रहण किया हो।

अधिग्रहण के बाद भी शिफ्ट करने की जरूरत क्यों?

चंदूलाल कॉलेज में पढ़ाई करने वाला आखिरी बैच 2016-17 का है। इनकी पढ़ाई साल 2018 से मान्यता रद्द होने के चलते अटक गई है। अभी तक यहां पर मेडिकल कॉलेज के लिए जरूरी इंफ्रा स्ट्रक्चर का निर्माण नहीं हो सका है। विद्यार्थियों के लिए ना तो टीचर्स है ना ही कॉलेज स्टाफ। ऐसे में इस बैच के स्टूडेंट्स का भविष्य खराब ना हो इसका ध्यान रखते उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने की योजना राज्य सरकार लेकर आई है।

183 छात्रों के भविष्य का सवाल

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान स्टूडेंट्स की तरफ मौजूद वकील ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल कॉलेज में फिलहाल 183 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें अब दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाना है। स्टूडेंट्स की तरफ से पैरवी कर रहे वकील किशोर भादुड़ी ने बताया कि राज्य में ऐसा पहली बार होगा जब किसी एक कॉलेज के स्टूडेंट्स को दूसरे कॉलेज में शिफ्ट किया जाएगा।

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