Friday, April 19, 2024
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छत्तीसगढ़: पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह का निधन; स्व. जूदेव सिंह के बेटे और BJP के फायर ब्रांड नेता ने बेंगलुरु में ली अंतिम सांस, लीवर की समस्या के चलते वैंटिलेटर पर थे…

छत्तीसगढ़ BJP के फायर ब्रांड नेता और स्व. दिलीप सिंह जूदेव के छोटे बेटे युद्धवीर सिंह का महज 37 साल की उम्र में सोमवार तड़के करीब 4 बजे निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से लीवर की समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें पहले दिल्ली और फिर बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनका लीवर ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन इससे पहले ही उनकी स्थिति बिगड़ गई। उन्हें डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा, पर तमाम कोशिशों के बावजूद जान नहीं बचा सके।

छत्तीसगढ़ की राजनीति, खासकर जशपुर रियासत के युवाओं को उनके निधन से बड़ा झटका लगा है।

छत्तीसगढ़ की राजनीति, खासकर जशपुर रियासत के युवाओं को उनके निधन से बड़ा झटका लगा है।

बेबाक बोल, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज के चलते युवाओं में थे लोकप्रिय
छत्तीसगढ़ की राजनीति, खासकर जशपुर रियासत के युवाओं के उनके निधन से बड़ा झटका लगा है। रियासत के ‘छोटू बाबा’ यानी युद्धवीर सिंह जूदेव के चाहने वाले युवाओं की एक बड़ी संख्या है। अपने बेबाक बोल के चलते युद्धवीर विपक्ष में रहते हुए भी वह हमेशा चर्चित रहे। हर बात दमदारी से उठाई। फिर चाहे भ्रष्टाचार ही क्यों न हो। इसके चलते वह युवाओं में बहुत जल्द ही लोकप्रिय हो गए। कठिन चुनौतियों के बाद भी उन्होंने अपनी विशेष पहचान बनाई थी।

युद्धवीर सिंह जूदेव अपनी मां के साथ।

युद्धवीर सिंह जूदेव अपनी मां के साथ।

जिला पंचायत से तय किया विधानसभा तक का सफर
युद्धवीर सिंह अपने स्व. पिता जूदेव सिंह के नक्शे कदम पर चलते रहे। उनकी इसी काबिलियत ने उन्हें कम समय में ही राजनीतिक जीवन में पहचान दे दी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद से उनका सफर शुरू हुआ, फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वे चंद्रपुर से 2 बार विधायक चुने गए। पहली बार 2008 में और फिर 2013 में दोबारा विधायक निर्वाचित हुए। वह संसदीय सचिव और दूसरे काल में बेवरेज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष भी बनाए गए।

रियासत के 'छोटू बाबा' यानी युद्धवीर सिंह जूदेव के चाहने वाले युवाओं की एक बड़ी संख्या है।

रियासत के ‘छोटू बाबा’ यानी युद्धवीर सिंह जूदेव के चाहने वाले युवाओं की एक बड़ी संख्या है।

जीवन के आखिरी पड़ाव में संभाली बहुजन हिंदू परिषद की कमान
युद्धवीर सिंह बीमार होने के बाद भी अंतिम समय तक लोगों के लिए संघर्ष करते रहे। भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए आवाज उठाते रहे। जीवन के आखिरी पड़ाव में उन्होंने बहुजन हिंदू परिषद की कमान संभाली और हिंदुत्व के लिए बोलते रहे। वहीं भ्रष्टाचार और शासन-प्रशासन की अनियमितताओं को लेकर, राज्य की ज्वलन्त समस्याओं पर आवाज बुलंद की।

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