कोरबा: जिले में भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। जिले की एसईसीएल गेवरा कोयला खदान में भारी जलभराव हो गया है, जिससे कई भारी वाहन और मोटर पंप पानी व मलबे में दब गए। शहर के मुख्य मार्गों पर भी जलभराव की स्थिति बनी, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा।
गेवरा प्रोजेक्ट, जो एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक है, यहां बारिश का पानी भर जाने से खनन कार्य प्रभावित हुआ है। खदान के भीतर पानी और मलबे के कारण कई भारी मशीनरी और मोटर पंप फंसे हुए हैं।
मुख्य मार्गों में भी भरा पानी
सोमवार (6 अक्टूबर) दोपहर से हो रही लगातार बारिश के कारण कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग और शहर के अन्य हिस्सों में जलभराव हो गया। जर्जर सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाने से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस दौरान एक ऑटो गड्ढे में फंस गया, वहीं एक बाइक सवार दंपति भी गिरकर घायल हो गए, जिससे यातायात बाधित हुआ।
बारिश के कारण हुआ था भूस्खलन
बता दें कि 28 जुलाई 2024 को कुसमुंडा खदान में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था, जिसमें माइनिंग इंचार्ज जितेंद्र नगर की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद एसईसीएल में हड़कंप मच गया था।
कुछ समय पहले, सीतामढ़ी वार्ड 9 के सुफलदास और वार्ड 10 के पार्षद उपेंद्र पटेल ने जर्जर सड़कों और राखड़ परिवहन को लेकर आंदोलन किया था।
एसईसीएल के पीआरओ सनीश चंद्र ने बताया कि बारिश के दौरान खुली खदानों में पानी जमा हो जाता है। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले की तैयारियों के कारण स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि निष्कासन प्रणाली से पानी तेजी से बाहर निकाला जा रहा है और स्थिति सामान्य है।



(Bureau Chief, Korba)