नई दिल्ली: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें महिला पत्रकारों को भी बुलाया गया। प्रेस-कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार पहली लाइन में बैठीं थीं।
इससे पहले शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया था। इस पर विवाद भी खड़ा हो गया था। मुत्तकी ने पिछली बार महिला पत्रकारों को न बुलाने पर सफाई भी दी। उन्होंने बताया-
यह सिर्फ तकनीकी कारणों से हुआ था। पिछली बार पत्रकारों की छोटी लिस्ट तैयार की गई थी, क्योंकि समय कम था। इसके अलावा कोई दूसरा इरादा नहीं था।

मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल महिला पत्रकार। (सोर्स-X)
मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 5 अहम बातें…
1. महिलाओं की शिक्षा पर-
मुत्तकी ने कहा कि उनके देश में कुल 1 करोड़ विद्यार्थी स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं।
धार्मिक मदरसों में भी यह शिक्षा ग्रेजुएशन लेवल तक है। कुछ क्षेत्रों में सीमाएं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे शिक्षा के खिलाफ हैं।
महिलाओं की शिक्षा को धार्मिक रूप से हराम घोषित नहीं किया गया है, बल्कि इसे अभी दूसरी व्यवस्था तक स्थगित किया गया है।
2. भारतीय दूतावास को फिर से खोलने पर
मुत्तकी ने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की और अर्थव्यवस्था, व्यापार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने घोषणा की कि भारत काबुल में अपने मिशन को एम्बेसी में अपग्रेड करेगा और काबुल के डिप्लोमैट्स जल्द ही नई दिल्ली आएंगे।
3. भारत के साथ व्यापार, उड़ान और निवेश पर
बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने काबुल और दिल्ली के बीच उड़ानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की। इसके अलावा दोनों पक्षों ने व्यापार और अर्थव्यवस्था पर समझौता किया।
अफगानिस्तान ने भारत को विशेष रूप से खनिज, कृषि और खेल क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। बैठक में चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा हुई। अफगानिस्तान ने वाघा बॉर्डर को खोलने का अनुरोध किया, जो भारत और अफगानिस्तान के बीच सबसे तेज और आसान व्यापार रास्ता है।
4. भारतीय पत्रकार की मौत पर दुख जताया
मुत्तकी ने 2021 में अफगानिस्तान में मारे गए भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में अफगानिस्तान में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ। हमें हर मौत का दुख है।
उन्होंने कहा कि 40 साल तक सोवियत, अमेरिका और नाटो ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, लेकिन अब देश आजाद है और अपने दम पर खड़ा है। अफगानिस्तान में कोई समस्या नहीं है और वहां सब कुछ ठीक है।
5. पाकिस्तानी लोगों से दिक्कत नहीं, पर कुछ लोग परेशानी पैदा कर रहे
पाकिस्तान के सवालों पर मुत्तकी ने उर्दू में जवाब दिया। उन्होंने कहा- पाकिस्तान की जनता से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन कुछ लोग परेशानी पैदा करते हैं।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की शरारत के जवाब में अफगानिस्तान ने एक ऑपरेशन शुरू किया था, जिसे कतर और सऊदी अरब की मदद से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि हमसे बात करें, हम शांति चाहते हैं, वरना हमारे पास और रास्ते भी हैं।
मुत्तकी ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान (TTP) अफगानिस्तान में नहीं है, लेकिन पाकिस्तान को अपने आतंकी ग्रुप्स को रोकना होगा। तालिबान के झंडे की तरफ इशारा करते हुए मुत्तकी ने कहा- यह हमारा झंडा है। इसके लिए हमने जिहाद लड़ा।
तालिबान राज ने महिलाओं की पढ़ाई, नौकरी और आजादी सब छीनी
अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं की जिंदगी को बहुत मुश्किल कर दिया है। उनके बाहर निकलने, बोलने और काम करने पर सिर्फ इसलिए रोक लगा दी गई है, क्योंकि वे महिलाएं हैं।
2021 में सत्ता में वापसी के बाद तालिबान ने महिलाओं पर ढेर सारी पाबंदियां लाद दीं। लड़कियों के सातवीं क्लास से ऊपर पढ़ने पर बैन लगा दिया। उनका कॉलेज-यूनिवर्सिटी में जाना बंद कर दिया।
बिना मर्द के महिलाएं बाहर नहीं निकल सकती हैं। 2023 में महिलाओं के ब्यूटी पार्लर बंद कर दिए। 2025 तक पार्क, जिम, खेल-क्लब भी महिलाओं के लिए बंद कर दिए। महिला पत्रकारों को फोटो-वीडियो लेने से रोका गया, न्यूज चैनल से महिलाओं को हटाया गया।
UN की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 लाख लड़कियां स्कूल-कॉलेज से बाहर हैं। 80% लड़कियां न पढ़ाई कर रही हैं, न नौकरी, न कोई ट्रेनिंग ले रही हैं।
इसकी वजह से कम उम्र में होने वाली शादियों की संख्या 25% बढ़ गई है। बच्चे के जन्म के वक्त मरने वाली महिलाओं की संख्या 50% बढ़ गईं। हर दिन 1-2 औरतें खुदकुशी कर रही हैं।

(Bureau Chief, Korba)