ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर भारी टैरिफ लगाकर गलत किया है।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले 20 सालों में अमेरिका ने इस गलती को सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन ये टैरिफ बड़ा झटका हैं।’
NDTV वर्ल्ड समिट में बोलते हुए एबॉट ने अमेरिका-पाकिस्तान के बढ़ते रिश्तों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के हित भारत जैसे लोकतंत्र के साथ मजबूत दोस्ती में हैं, न कि पाकिस्तान में।
एबॉट ने कहा, ‘पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अमेरिका का साथ दिया, लेकिन ओसामा बिन लादेन को दशक भर पनाह दी। पाकिस्तान में अच्छे लोग हैं, लेकिन भारत अलग है। अमेरिका को पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए, लेकिन बेहतर दोस्त कौन हैं, ये जानना जरूरी है।’
एबॉट ने आगे कहा कि 21वीं सदी भारत का है। इस देश का प्रधानमंत्री आने वाले चार या पांच दशक में अमेरिका से ‘फ्री वर्ल्ड का लीडर’ की जिम्मेदारी ले सकता है।
एबॉट बोले- भारत, चीन का मजबूत विकल्प
एबॉट ने कहा कि भारत अब एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। साथ ही भारत-चीन का मजबूत विकल्प बनकर भी सामने आया है। उन्होंने कहा –
भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। हर भारतीय शहर में नई सड़कों, एयरपोर्ट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है। भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
टोनी एबॉट के अनुसार, भारत अब सिर्फ एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि आने वाले समय में व्लर्ड लीडर बन सकता है।
भारत के पास तीन बड़ी ताकतें- लोकतंत्र, कानून और अंग्रेजी भाषा
एबॉट ने बताया कि भारत के पास तीन बड़ी ताकतें हैं, लोकतंत्र, कानूनी शासन और अंग्रेजी भाषा। एबॉट ने आगे कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2022 में और ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट इस बात के संकेत हैं कि लोकतांत्रिक दुनिया अब चीन से दूरी बना रही है।
भारत वही आर्थिक और सैन्य छलांग लगाने की तैयारी में है जो कुछ दशक पहले चीन ने लगाई थी। एबॉट ने कहा कि चीन दुनिया पर वर्चस्व चाहता है और यह उसके पड़ोसी देशों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘चीन हेगेमोनिक (वर्चस्वशाली) पावर बनना चाहता है।’
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा 50% अमेरिकी टैरिफ झेल रहा
ट्रम्प प्रशासन ने अगस्त में भारतीय निर्यातों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें रूस से तेल खरीद पर 25 फीसदी अतिरिक्त जुर्माना शामिल है।
ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है।
ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है।
रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव केरोलिना लेविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है, ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो सके।

(Bureau Chief, Korba)