मॉस्को: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि रूस ने एक नए परमाणु हथियार पोसाइडन टॉरपीडो का कामयाब टेस्ट किया है। ये टॉरपीडो समुद्र में रेडियोएक्टिव लहरें पैदा करता है, जिससे किनारे के शहर रहने लायक नहीं बचते।
इस टॉरपीडो को पनडुब्बी से छोड़ा जाता है। ये आटोमैटिक है और न्यूक्लियर हथियार ले जा सकता है। उन्होंने ये भी बताया कि पोसाइडन की ताकत रूस की सबसे ताकतवर मिसाइल सरमत से भी ज्यादा है।
पुतिन ने मंगलवार को यूक्रेन युद्ध में घायल सैनिकों से मुलाकात के दौरान इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई दूसरा हथियार नहीं है।
पोसाइडन की खास बात यह है कि इसके अंदर अपनी खुद की न्यूक्लियर फ्यूल यूनिट लगी होती है। यानी इसे ईंधन भरने की जरूरत नहीं पड़ती और यह लगभग अनलिमिटेड दूरी तक चल सकता है।
रूस को दो अलग काम साथ करने में कामयाबी मिली
पुतिन ने कहा कि रूस ने दो अलग-अलग काम एक साथ करने में सफलता हासिल की है। पनडुब्बी से टॉरपीडो/डिवाइस को लॉन्च करना और उस टॉरपीडो के अंदर लगी छोटी परमाणु-एनर्जी मशीन (रिएक्टर) को चालू करके उसे काम में लाना।
पुतिन ने कहा कि वह रिएक्टर उस डिवाइस में कुछ समय तक चलता भी रहा। यह तकनीकी रूप से एक नई और बड़ी कामयाबी है, जिसे पहले कभी नहीं किया गया।
अमेरिका और नाटो के जवाब में बनाया
पुतिन ने बताया कि ये हथियार अमेरिका और नाटो के जवाब में बनाया गया है, क्योंकि अमेरिका ने पुराने समझौते तोड़कर नाटो का पूर्वी यूरोप में विस्तार किया है।
पोसाइडन एक प्रलय के बाद का हथियार कहा जाता है। रूस इस पर काम कर रहा है, सबसे पहले इसकी जानकारी 2016 में आई थी। दो साल बाद खुद पुतिन ने इसकी पुष्टि की थी।
इस टॉरपीडो का नाम ग्रीक देवता पोसाइडन के नाम पर रखा गया है। यूनानी पौराणिक कथाओं में पोसाइडन समुद्र, भूकंप और तूफान के देवता माने जाते हैं।
एक्सपर्ट बोले- पोसाइडन मनोवैज्ञानिक हथियार
नॉर्वेजियन नेवल एकेडमी की रिचर्सचर इना होल्स्ट पेडरसन क्वाम कहती हैं कि पोसाइडन असल में एक मनोवैज्ञानिक हथियार है। इसका काम सिर्फ तबाही करना नहीं, बल्कि दूसरों को डराना और उनकी हिम्मत तोड़ना भी है।
क्वाम के मुताबिक, पोसाइडन को ले जाने वाली पनडुब्बियां शायद उस वक्त ही सक्रिय होंगी जब कोई बड़ा पारंपरिक या परमाणु युद्ध पहले ही शुरू हो चुका होगा और परिणाम तय होने लगेगा।

पोसाइडन टॉरपीडो के बारे में पहली बार 2018 में जानकारी दी गई थी।
रूस के लिए एक हफ्ते में दूसरी बड़ी कामयाबी
रूस के लिए यह एक हफ्ते में दूसरी बड़ी कामयाबी है। इससे पहले उसने 21 अक्टूबर को दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड यानी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल बुरेवस्तनिक-9M739 का सफल परीक्षण किया था। तब दावा किया गया था कि इस मिसाइल की रेंज अनलिमिटेड है।
बुरेवस्तनिक (9M730) एक क्रूज मिसाइल है, जो सामान्य ईंधन इंजन की बजाय न्यूक्लियर रिएक्टर से चलती है। इस वजह से यह मिसाइल लगभग अनलिमिटेड यानी असीमित दूरी तक उड़ान भर सकती है। साथ ही दुश्मन के एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।
पानी के अंदर चलने वाला हथियार है टॉरपीडो
टॉरपीडो एक तरह का पानी के अंदर चलने वाला हथियार होता है। यह किसी जहाज या पनडुब्बी को टारगेट कर के उसके पास जाकर उस पर हमला करता है।
इसमें नेविगेशन और होमिंग सिस्टम होते हैं जो आवाज, रडार या सोनार पकड़कर अपना टारगेट तय करते हैं।

(Bureau Chief, Korba)




