कोरबा: जिले में 8 साल के मासूम के सीने में सिक्का फंसने से उसकी मौत हो गई। शिवम सारथी ने सिक्का कब और कैसे निगला इसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं थी। जब तबीयत बिगड़ी तब वे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां एक्स-रे रिपोर्ट में सिक्के के फंसने की पुष्टि हुई।
परिजनों का आरोप है कि कोरबा जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की हालत गंभीर बताई और कहा कि इसकी दवा नहीं है। यहां इलाज नहीं हो सकता। जिसके बाद परिजन बच्चे को निजी अस्पताल ले जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में मासूम ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले देखिए ये तस्वीरें-

बच्चे के हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगे और सांस लेने में दिक्कत होने लगी।

परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की है।
कोरबा में रिश्तेदार के घर रुका था परिवार
मृतक शिवम के पिता मदन सारथी ने बताया कि वे मूलतः रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ के रहने वाले हैं। कुछ दिनों पहले वे अपने बेटे शिवम के कंधे की चोट का इलाज कराने कोरबा के एक निजी अस्पताल आए थे। इलाज के बाद वे अपने रिश्तेदार के यहां कोरबा के गोढ़ी गांव में रुके हुए थे।
तबीयत बिगड़ी तो जिला अस्पताल ले गए
शुक्रवार (31 अक्टूबर) रात अचानक शिवम की तबीयत बिगड़ने लगी। उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगे और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। परिजन उसे तत्काल जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर बताया कि शिवम के सीने में सिक्का फंसा है, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है।
अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि यहां इसका इलाज संभव नहीं है और बच्चे की हालत गंभीर है, इसलिए उसे किसी दूसरे अस्पताल ले जाया जाए। परिजन शिवम को एक निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

सीने में सिक्का फंसने से मासूम शिवम की जान चली गई।
सिक्का कब निगला, किसी को नहीं पता
शिवम के पिता का कहना है कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि उसने सिक्का कब, कैसे और किन परिस्थितियों में निगला था। जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने के बाद ही उन्हें इस बात का पता चला। समय पर उचित इलाज न मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने खेल-खेल में सिक्का निगलने की आशंका जताई है।
अस्पताल प्रबंधन बोला- पीएम में सिक्का नहीं मिला
वहीं जिला मेडिकल कॉलेज के सह अधीक्षक रविकांत जाटवर ने बताया कि रात 12 बजे एक्सीडेंटल मामला सामने आया था। जहां सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बच्चे की हालत गंभीर थी। इलाज किया जा रहा था। एक्स-रे में सिक्का नुमा चीज दिख रही है, लेकिन पोस्टमॉर्टम का दौरान सिक्का नहीं मिला है।

एक्स-रे रिपोर्ट में सीने में सिक्के के फंसने की पुष्टि हुई थी।
बच्चे के गले में फंसने वाले सामान दूर रखें
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ. आरके वर्मा के मुताबिक छोटे बच्चे खेल-खेल के दौरान खाने वाला सामान समझकर सामने नजर आने वाले सभी सामान को मुंह में डालते हैं। इस दौरान चना, मूंगफली दाना या अन्य खाद्य पदार्थ और सिक्का मुंह से अंदर चला जाता है।
गले में फंसने की वजह से लोगों की जान भी जा सकती है, इसलिए बच्चों को ऐसे सामग्री से दूर रखना चाहिए। यदि किसी कारणवश बच्चों ने ऐसे सामान को खा लिया है तो तुरंत पास के अस्पताल पहुंचाए।

(Bureau Chief, Korba)




