Friday, March 29, 2024
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कांग्रेस नेता और पत्नी की हत्या में 5 गिरफ्तार: पुलिस की कहानी सवालों के घेरे में, अब तक युवक और 4 नाबालिग पकड़े गए; लूट का सामान बरामद नहीं

रायगढ़: लैलूंगा में पुलिस ने सोमवार को कांग्रेस नेता और व्यापारी मदन मित्तल और उनकी पत्नी अंजू देवी की हत्या का खुलासा कर दिया। एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि हत्याकांड को चोरी करने की नीयत से घर में घुसे 4 नाबालिग और दो युवकों ने अंजाम दिया था। चोरी करने के दौरान मदन और उनकी पत्नी की नींद खुल गई थी, इसलिए आरोपियों ने उन्हें मार डाला। आरोपियों के पास से 80 हजार रुपए बरामद किए गए हैं।

पुलिस के मुताबिक घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच में वारदात की रात सांई पेट्रोल पंप के पास 3-4 युवकों का मूवमेंट दिखा था। ये लोग मित्तल निवास के पीछे एक चखना दुकान की तरफ भी गए थे। पुलिस ने दुकान का सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो उसमें 3 लड़के चोरी करते दिखे। इसके बाद ये लोग मित्तल निवास की ओर गए थे। इनकी पहचान की गई और हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनके बयान के बाद एक नाबालिग और अक्षय प्रधान को पकड़ लिया गया, जबकि दूसरा आरोपी संदीप कोंदा फरार है।

चोरी करते समय जागे तो मित्तल दंपती की हत्या कर दी।

चोरी करते समय जागे तो मित्तल दंपती की हत्या कर दी।

तीनों नाबालिगों ने बताई पूरी कहानी
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए नाबालिगों ने बताया कि गांव का अक्षय प्रधान और संदीप कोंदा उन्हें चोरी के लिए उकसाते थे। 22 सितंबर की दोपहर इन दोनों ने बड़ा हाथ मारने कहा था। ये सभी लैलूंगा के सरस्वती शिशु मंदिर के मैदान में नशा करते थे। 22 तारीख की रात भी ये लोग चखना दुकान से गुटखा पाउच, सिगरेट, कोल्डड्रिंक चोरी कर यहां पहुंचे। यहां पहले से संदीप कोंदा और अक्षय व एक और लड़का पहले से मौजूद थे। इन लोगों ने यहां नशा किया और फिर मित्तल के घर की ओर निकले।

निर्माण में लगे बांस से पहुंचे रोशनदान तक
ये सभी तीन-चार घरों में तांक-झांक करते हुए मदन मित्तल के घर तक पहुंचे। यहां मकान के पिछले हिस्से में निर्माण के लिए बांस लगे हुए थे। बांस के सहारे एक नाबालिग आसानी से रोशनदान तक पहुंचा और आरी ब्लेड से रोशनदान की जाली काटकर नीचे उतर गया। उसने अंदर की ओर से दरवाजा खोल दिया। इसके बाद सभी छह लोग अंदर कमरे में पहुंच गए।

पुलिस ने गिरफ्तार किया हत्या का आरोपी युवक।

अलमारी खोलने के दौरान जाग गए इसलिए मार दिया
आरोपियों ने बताया कि अंदर एक कमरे की लाइट जल रही थी। दूसरे कमरे में एक आदमी और एक महिला सो रहे थे। ये लोग एक कमरे में घुसे और अलमारी खोलकर पैसे गहने देख रहे थे। इसी समय आदमी जाग गया। यह देखकर सभी ने मिलकर तकिए और गला दबाकर दोनों को मार दिया।

फरार संदीप ले गया कैश और गहने
पुलिस के मुताबिक हत्या करने के बाद जो हाथ लगा उसे लेकर भागे। रास्ते में जिस थैले में पैसे भरे हुए थे। उसमें से संदीप ने अक्षय और दूसरे आरोपियों को थोड़े-थोड़े पैसे दिए और कहा कि अभी कुछ दिन छिप जाओ फिर बाद में बचे पैसे बांट लेंगे। इसके बाद वह चला गया।

आरोपी इसी खिड़की से घर के अंदर घुसे थे।

सवाल जो अनसुलझे हैं
मित्तल परिवार को पहले ही पुलिस की इस थ्योरी पर विश्वास नहीं है। उनका कहना है कि 12-15 साल के नाबालिग बच्चे हत्या नहीं कर सकते। यदि ये हत्यारे हैं तो जो 5 आरोपी गिरफ्तार हैं उनके पास से लूटा गया कोई तो सामान बरामद होता। पुलिस ने आक्रोश कम करने के लिए गलत लोगों को गिरफ्तार किया है। वैसे यह सवाल सही है कि क्या ऐसे बच्चे जिनका सिर्फ छोटी-मोटी चोरी का रिकार्ड है वे दोहरा हत्याकांड कर सकते हैं। फिर घटनास्थल पर जिस तरह किसी भी संघर्ष का कोई निशान नहीं था उससे भी संदेह होता है, क्योंकि गला दबाए जाने पर आदमी छटपटाता है, भागने की कोशिश करता है, लेकिन मदन और उनकी पत्नी दोनों की लाश के आसपास छटपटाने के भी निशान नहीं थे।

चखना दुकान में चोरी करते आरोपी।

चखना दुकान में चोरी करते आरोपी।

6 लोग किसी कमरे में घुसे और तलाशी लें तो भी सामान बिखरता है। वहां ऐसा भी कुछ नहीं था। 5 आरोपियों का इतनी बड़ी वारदात कर अपने घर में रहना भी आश्चर्यजनक लगता है। चोरी के लिए किसी घर में जहां लोग रह रहे हैं 6 लोग एक साथ घुसे यह भी चौंकाने वाली बात है। अमूमन इतनी बड़ी संख्या में तब आरोपी घर में घुसते हैं जब वो हथियारों से लैस हों और डकैती डालनी हो। हत्या का समय, चखना दुकान में चोरी का समय जैसी और भी बातें हैं जो पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल खड़े कर रही हैं।

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